केजीएमयू बना खास, फिर रचा इतिहास

लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विविद्यालय में बृहस्पतिवार को सर्जिकल गैस्ट्रोइण्ट्रोलॉजी विभाग ने दूसरा लाइव लिवर प्रत्यारोपण में सफ लता प्राप्त कर ली। इसके बाद केजीएमयू प्रदेश में पहला लगातार दो लाइव डोनर लिवर प्रत्यारोपण करने वाला पहला चिकित्सा संस्थान बन गया है। इस प्रत्यारोपण में खास बात यह रही कि पहले की अपेक्षा दस घंटे से कम वक्त प्रत्यारोपण में लगा और प्रत्यारोपित मरीज व दानकर्ता दोनों ही लगभग 45 मिनट बाद होश में आ गये। डॉक्टरों के मुताबिक प्रत्यारोपण के बाद मरीज की तबीयत स्थिर बनी है। उन्हें आईसीयू में रखा गया है।

लिवर प्रत्यारोपण में मैक्स हास्पिटल नयी दिल्ली के डा. सुभाष गुप्ता का भी सहयोग रहा। मार्च में केजीएमयू में पहला सफल लिवर प्रत्यारोपण हुआ था। सरोजनीनगर निवासी नवीन बाजपेई (45) लिवर सिरोसिस की चपेट थे। परिजनों ने उनका स्थानीय अस्पताल से लेकर कई अस्पतालों में इलाज कराया, किन्तु हालत में सुधार होने की बजाय दिनों- दिन बिगड़ती जा रही थी। गंभीर हालत में सर्जिकल गैस्ट्रोइण्ट्रोलॉजी विभाग में मरीज को लाया गया। यहां विभाग प्रमुख डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने मरीज के बाद जांच में लिवर सिरोसिस की पुष्टि की थी। लगातार तबियत बिगड़ने पर उन्होंने लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता बतायी गयी थी।

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डा. चंद्रा ने बताया कि मरीज को एक महीने पहले शताब्दी फेज एक में गेस्ट्रो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया। लिवर फेल होने के कारण मरीज के पेट में पानी भर गया था। पीलिया का स्तर बढ़ता जा रहा था। मरीज की तेजी से बिगड़ती तबियत को देखते हुए देख डॉक्टरों ने प्रत्यारोपण का फैसला किया। केजीएमयू ऑर्गन ट्रांसप्लांट विभाग के डॉ. विवेक गुप्ता ने मरीज का परीक्षण किया। जल्द से जल्द प्रत्यारोपण की जरूरत बतायी गयी थी। डा. अभिजीत चंद्रा ने बताया कि लिवर प्रत्यारोपण में लिवर दान कर्ता मरीज की पत्नी का भाई है। इसके लिवर की आवश्यक जांच करने के बाद उसके 35 प्रतिशत लिवर का लोब निकाला गया। प्रत्यारोपण करीब दस घंटे में ही समाप्त हो गया। इसके अलावा खास बात यह थी कि लगभग 45 मिनट बाद दोनों होश में आ गये थे और आईसीयी में शिफ्ट कर दिये गये थे। दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है।

इन विशेषज्ञों की थी सर्जरी टीम :

केजीएमयू प्रत्यारोपण टीम के नेतृत्व में सर्जिकल गैस्ट्रोइण्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अभिजीत चन्द्रा, डा. विवेक गुप्ता, डा विशाल गुप्ता, डा. प्रदीप जोशी, एवं निश्चेतना विभाग के डा. मोहम्मद परवेज, डा. अनीता मलिक, डा. तन्मय तिवारी एवं डा. एहसान, रेडियोलोजी विभाग के डा. नीरा कोहली, डा. अनित परिहार एवं डा. रोहित एवं ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन विभाग की डा. तूलिका चन्द्रा, डा. अमिता जैन, डा. प्रशान्त, डा. शीतल वर्मा एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस एन शंखवार ने इस महत्वपूर्ण कार्य मे सहयोग दिया। मैक्स हास्पिटल के डा. सुभाष गुप्ता भी लिवर प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में शामिल थे, जिनकी टीम में डा. राजेश डे, डा. शालीन अग्रवाल एव अन्य सर्जन भी थे। लिवर प्रत्यारोपण में डाक्टर्स , तकनीशियन, पैरामेडिकल स्टाफ मिला कर लगभग पचास लोग शामिल थे।

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