नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि वह सभी बच्चों की शिक्षा के प्रति गंभीर है और नियम के तहत सभी का नामांकन कर लेगा। उसके स्कूलों में 31 अगस्त तक नामांकन प्रक्रिया चलेगी। सरकार ने यह बात हलफनामा दाखिल कर कही है। इस मामले में अगली सुनवाई आज होगी।
सरकार ने हलफनामे 130 फेल छात्रों के बारे में कहा है कि उसने उसमें से 56 का नामांकन कर लिया है और नर्सरी वर्ग के 10 बच्चों की सीट नहीं होने की वजह से नामांकन नहीं किया गया है। फिर भी वह निगम से बात कर उन बच्चों का नामांकन कराएगा। उसने कहा कि दो बच्चों की उम्र बहुत ज्यादा है और उनका छोटे बच्चों के साथ बैठना सही नहीं रहेगा। इस वजह से उन्हें पत्राचार के जरिए पढ़ाई जारी रखने की सलाह दी गई है। उनमें से 38 बच्चे नामांकन के लिए नहीं आए एवं 21 बच्चों के अभिभावक के साथ बातचीत चल रही है और प्रक्रिया पूरी होते ही उनका भी नामांकन कर लेगा।
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मालूम हो कि इन बच्चों के अलावा फेल हुए 246 छात्रों ने फिर से नामांकन के लिए याचिका दाखिल की है और सरकार को नामांकन करने का निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने सरकार के 27 अगस्त, 2018 सकरुलर को भी चुनौती दिया है जिसमें एक ही क्लास में दो बार फेल होनेवाले छात्र को नियमित पढ़ाई जारी रखने पर रोक लगाने की बात कही गई है। सकरुलर कहता है कि इस तरह के छात्र पत्राचार के जरिए अपना पढ़ाई जारी रख सकते हैं। इससे पहले भी हजारों छात्र फिर से नामांकन के लिए याचिका दाखिल कर चुके हैं।
मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने इसपर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। बहुत से छात्र पढ़ाई से वंचित : अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि इस साल नौवीं से लेकर 12वीं कक्षा के 1,55,736 छात्र फेल हो गए हैं। उसमें से 52,582 छात्रों का ही फिर से नामांकन किया गया और शेष छात्रों को किसी न किसी बहाना बनाकर नामांकन से इनकार कर दिया गया है। इस तरह से लगभग 1,03,154 छात्र अभी भी अपने पढ़ाई से वंचित हैं।
इससे पहले के सत्र में भी सरकार ने 1,03,154 छात्रों नामांकन करने से इनकार कर दिया था। यह छात्रों के मौलिक अधिकार का हनन है। कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि सभी फेल छात्रों का नामांकन किया जाए जिससे वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।