शनिवार को बरेली के बीजेपी विधायक की बेटी साक्षी मिश्रा-अजितेश प्रकरण पर राजसत्ता एक्सप्रेस ने पांच सवाल उठाए थे। इसको बेपनाह सराहना मिली है। हज़ारों लोगों ने सन्देश भेजकर पूरे मामले को एक अलग और तार्किक नज़र से देखने के लिए हमें साधुवाद दिया है, धन्यवाद किया है। दरअसल इसमें देश के नामचीन न्यूज़ चैनल्स की भूमिका को लेकर गुस्सा भी शामिल है, जिन्होंने इस कहानी के पात्रों को स्टूडियो में बैठाकर इमोशनल ड्रामा रचा।
और टीआरपी का खेल खेला गया। लोगों ने जिस तरह से न्यूज़ चैनल्स और एंकर्स को लेकर तल्ख़ टिप्पणियां की हैं वो वाकई बहुत गंभीर हैं। बहरहाल, हमें देश भर से जो सन्देश मिल रहे हैं उनमें एक अहम् संदेश रहा हरीश नायक का। हरीश नायक अजितेश के पिता हैं, जिन्हें पूरा देश टीवी चैनल्स पर देख चुका है। हरीश ने भी राजसत्ता एक्सप्रेस के फेसबुक पेज पर हमारे द्वारा बनाया हुआ पूरा वीडियो देखा और स्वीकरोक्ति भरा ईमानदार कमेंट लिखा। जिसमें ना सिर्फ यह साबित होता है कि हमारा तीसरा सवाल पूरी तरह जायज़ है वहीँ अजितेश ने उन दोस्तों को शक के दायरे में ला दिया है, जो अभी तक बेरोकटोक अपने दोस्तों के घर -परिवारों में जाया करते थे। बात यहीं तक नहीं है, शनिवार रात बरेली में विधायक पप्पू भरतौल के एक बेहद करीबी की गिरफ्तारी ने राजसत्ता एक्सप्रेस के सवाल नंबर 3 में उठाई गयी आशंका को भी सही साबित कर दिया है। साफ होता जा रहा है कि यह किसी प्रेमी जोड़े का प्यार में मजबूर होकर उठाया गया भावनात्मक कदम भर नहीं है, बल्कि यह अजितेश और उसके दोस्तों की सोची-समझी साजिश का नतीजा है। हाँ, विधायक जी के लिहाज से यह गिरफ्तारी भी एक और सबक है। क्योंकि जिसे पुलिस ने उठाया है वो भी उनका बेहद ख़ास और भरोसेमंद आदमी माना जाता था।
हमारे पांच सवालों में से तीसरा सवाल अजितेश की भूमिका को लेकर था। जिसमें हमने अजितेश के पूरे मामले को ब्राह्मण और दलित एंगल दिए जाने और अपने इतने करीबी दोस्त को धोखा देकर उसकी बहन को भगा ले जाने पर सवाल उठाए थे। हरीश नायक ने राजसत्ता एक्सप्रेस के विश्लेषण को सही मानते हुए कहा है कि बाकी पर तो वो बहस मनहीं करेंगे मगर सवाल नंबर तीन बिलकुल सही माना है। अजितेश के पिता ने साफ़ किया है कि उन्हें अपने बेटे की कारगुजारी के बारे में बिलकुल भी आभास नहीं था। हाँ, विधायक जी की बेटी और अजितेश के सम्बन्ध को लेकर उठी चर्चा 13 जून को किसी के ज़रिये उनतक जरूर पहुंची थी। इस दौरान वो दिल्ली में थे और फोन करके बेटे से नाराजगी जताई थी। लेकिन साक्षी और अजितेश इतना बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं इसका आभास उन्हें नहीं था। वरना वह ऐसा होने ही नहीं देते। बाद में हरीश नायक ने हमसे बातचीत में दोहराया कि अजितेश ने जो किया है वो सिर्फ और सिर्फ विश्वासघात है। विधायक जी का बेटा विक्की अजितेश सालों पुराना बेहद करीबी दोस्त था। ऐसे दोस्त की बहन को भगा ले जाना कहीं से कहीं तक जस्टिफाई नहीं किया जा सकता। हरीश नायक इस मामले एंगल खारिज कर रहे हैं, उनका कहना जब विक्की को दोनों के संबंधों के बारे में पता चला तो विक्की ने शायद अपनी बहन से कहा था कि हम लोग दलित हैं, अन्यथा दोनों की दोस्ती और विधायक परिवार की तरफ से व्यवहार में कभी ब्राह्मण-दलित का फर्क देखने को नहीं मिला।
ऐसे विश्वासघाती बेटे के साथ आप क्यों खड़े दिख रहे हैं ? क्यों न्यूज़ चैनल्स के स्टूडियोज़ के इमोशनल ड्रामा में आप शामिल हो रहे हैं ? क्यों उनके टीआरपी गेम का हिस्सा बन रहे हैं, ऐसे में तो आपकी छवि यही बनेंगी कि आप भी इस प्लान में शामिल हैं। और, गलत का साथ दे रहे हैं। अब इन सवालों पर हरीश जी ने जो मुझसे कहा वो यही कि टीवी चैनल वालों से दूरी तो उन्होंने शनिवार शाम से ही बना ली। स्टूडियो में बैठाने और इंटरव्यू के नाम पर शनिवार रात उन लोगों की ऐसी घेराबंदी हुई कि उन्हें बचने के लिए दिल्ली के गीता कॉलोनी थाने में शरण लेनी पड़ी। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अजितेश और साक्षी की सुरक्षा को लेकर सुनवाई है, हरीश नायक ने बताया कि वहाँ भी उन्होंने पुलिस-प्रशासन से आग्रह किया है कि हम तीनों को सुरक्षा के साथ ऐसी जगह ठहराया जाए जहां मीडिया के कैमरे ना पहुँच सकें। और साथ के सवाल पर उनका कहना है विधायक जी अपनी बेटी से कोई संपर्क नहीं कर रहे हैं, ऐसे में अगर मैं भी अलग हो जाऊंगा तो क्या होगा। साक्षी भी कम गलत नहीं है लेकिन अब दोनों ने जो भी कर लिया है, बाप होने के नाते मुझे साथ देना ही पड़ेगा। वैसे हरीश नायक ने यह भी कहा कि वो विधायक जी से किसी भी तरह माफ़ी माँगने के लिए तैयार हैं, बस अब मामले का पटाक्षेप होना चाहिए।
हरीश नायक से बातचीत में यह साफ़ हो गया है कि, अजितेश ने दलित कार्ड सोची-समझी चाल के साथ चला था। कथित तौर पर अगर विक्की ने शादी के सवाल पर अपनी बहन से यह कहा भी था तो अजितेश इसे अपने पक्ष में इस तरह कैसे इस्तेमाल कर सकता है कि सिर्फ दलित होने की वजह से उसका तिरस्कार हो रहा है। यह विक्की की तात्कालिक प्रतिक्रया भी अपनी बहन से हो सकती है। और फिर बात साक्षी के पिता या उनकी मां तक तो इस रूप में पहुंची ही नहीं थी। क्या अजितेश ने अपने दोस्त विक्की या अपने पिता के ही जरिये अपनी बात साक्षी के घरवालों तक पहुंचाई ? नहीं, सिर्फ दलित कार्ड खेला। और, अब उनके पिता भी यह कहने की हालत में नहीं हैं कि उनके बेटे ने एक परिवार का भरोसा तोड़ा। और, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अजितेश ने जो किया है वो ऐसी नज़ीर बन गया है कि लोग किसी को अपने घर के अंदर लाने में सौ बार सोचेंगे।
राजसत्ता एक्सप्रेस का पहला सवाल था कि साक्षी का घर से भागना अजितेश की सोची समझी साजिश थी। जिसमें इलाहाबाद जाकर वकीलों के माधयम से मंदिर में शादी करना और वहां रुकना-ठहरना सब कुछ एक बड़े प्लान का हिस्सा था। दोनों साफ़ झूठ बोल रहे हैं कि घरवालों के उत्पीड़न और प्यार पर पहरे से आजिज़ आकर यह एक तात्कालिक फैसला था। जिसमें, अजितेश के तमाम मददगार रहे हैं। और, शनिवार को बरेली में अरमान सिंह उर्फ़ अरमान नाम के नेता को एक पुराने मामले में अंदर करके साबित कर दिया कि अजितेश विधायक पप्पू भरतौल के खिलाफ एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है। जिसमें, साक्षी एक मोहरा बनीं, महत्वाकांक्षी किस्म की लड़की साक्षी को अपने माता-पिता की सोच पसंद नहीं थी। और, अजितेश के लिए यही बात फायदेमंद रही। उसने सहानुभूति के नाम पर साक्षी के हर सपने को उड़ान देने का भरोसा दिया। जो अरमान नाम का व्यक्ति गिरफ्तार हुआ है, उसे विधायक पप्पू भरतौल ने पूरी ताकत से ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़वाया था। हालांकि वो जीत नहीं सका। अरमान, रातो रात बड़ा नेता बनने का ख्वाहिशमंद इस हद तक था कि उसने अपने कद से कहीं आगे जाकर बरेली लोकसभा सीट से संतोष गंगवार के खिलाफ चुनाव लड़ने के पोस्टर तक लगवा दिए थे। सीधा-सीधा मुक़दमा तो दर्ज नहीं हुआ है, मगर हमारे सूत्र बता रहे हैं कि अरमान 3 जुलाई, मतलब जब से साक्षी और अरमान फरार हुए हैं, तबसे लगातार दोनों के संपर्क में था। बताया जा रहा है कि विधायक के आस-पास के लोगों की आपसी उठापटक में वो शक के दायरे में आता जा रहा था। विधायक जी, ने उससे दूरी बना ली थी। कॉल रिकॉर्ड बता रहा है कि उसने अजितेश के ज़रिये विधायक पप्पू भरतौल को इतनी बड़ी चोट पहुंचाने का षड्यंत्र किस तरह रचा। बताया जा रहा है कि, पूछताछ में सारा खुलासा हो चुका है, साक्षी के भागने की पूरी कहानी जल्द ही देश के सामने आएगी।
तो दो सवालों का जवाब मिल चुका है। अब देखना यह है कि हाईकोर्ट क्या प्रोटेक्शन देता है, और साक्षी-अजितेश की प्रेम कहानी की क्या असलियत सामने आती है।