प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। पीएम मोदी का यह रूस दौरा काफी अहम है। क्योंकि इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए भारत एक अरब डॉलर कर्ज देने का फैसला लिया है। इस क्षेत्र के विकास के लिए भारत रूस के साथ है। मोदी ने पांचवें पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) के पूर्ण सत्र को संबोधन के दौरान रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के लिए एक अरब डॉलर का कर्ज देने की घोषणा किया है।
संबोधन के दौरान मोदी ने कहा कि, भारत और रूस के बीच दोस्ती केवल राजधानी वाले शहरों में सरकारी वार्ता तक सीमित नहीं है, यह लोगों और करीबी व्यापारिक संबंधों को लेकर भी है। मेरा मानना है कि इस घोषणा से दोनों ही देशों की आर्थिक कूटनीति को एक नया आयाम मिलेगा।
उन्होंने कहा कि भारत का रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र से रिश्ता काफी पुराना है। भारत पहला देश था, जिसने व्लादिवोस्तोक में अपना वाणिज्य दूतावास खोला था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने सुदूर पूर्व में कार्य करो (एक्ट फॉर ईस्ट) की नीति भी पेश की। मोदी ने कहा कि भारत एक्ट ईस्ट की नीति पर सक्रियता से काम कर रहा है।