उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की मुसीबतें तभी से बढ़ने लगी हैं जब कल्यण सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल के पद स्तीफा दिया और बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करमे की सपथ ग्रहण किए। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल्याण सिंह को बतौर आरोपी फिर से कोर्ट में पेश करने के लिए सीबीआई ने अदालत में फिर से अर्जी दाखिल की है। हालांकि इस मामले में कल्याण सिंह को अब तक अनुच्छेद 351 के तहत संवैधानिक पद पर होने के चलते कानूनी कार्रवाई से छूट मिली थी।
सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को यह आदेश दिया था, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा इस केस में पूर्व डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास, विनय कटियार, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, नृत्य गोपाल दास, सतीश प्रधान, आरवी वेदांती, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा (प्रेम), धर्म दास को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने की बात कही थी। कल्याण सिंह को छोड़कर बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली हुई है।