केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2021 में होने वाली जनगणना के दौरान सोमवार को एक देश एक पहचान पत्र के सुझाव का प्रस्ताव दिया है। गृह मंत्री 2021 में होने वाली 16वीं जनगणना के बारे में बोल रहे थे। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन होगी, भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरूरत है। नई जनगणना का ब्योरा इसी बिल्डिंग के माध्यम से रखा जाएगा। 2021 में होनी वाली जनगणना के लिए मोबाइल ऐप के इस्तेमाल की बात कही है, जिससे जनगणना अधिकारियों को कागज और पेन लेकर नहीं घूमना होगा। यह जनगणना की प्रक्रिया में एक तरह से बड़े डिजिटल रिवॉलूशन सरीखा होगा।
शाह ने कहा कि जनगणना देश के भविष्य के विकास की योजना बनाने का आधार होती है। इसके लिए जन भागीदारी की जरूरत है। सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। उन्होंने कहा कि कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय इस बार करने जा रही है। इस बार सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। 2021 में जो जनगणना होगी इसमें हम मोबाइल ऐप का भी प्रयोग करेंगे। जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। डिजिटल जनगणना होने से देश के अर्थतंत्र को मजबूत करने में भी उतनी ही मदद मिलेगी।
गृहमंत्री ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार आई तो हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव आया। यहीं से जनगणना के रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उज्ज्वला योजना है। इसके जरिए ये पता चला कि कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां 93 प्रतिशत लोगों के पास गैस नहीं थी। डिजिटल तरीके से जब काम किया गया तो लोगों को गैस सिलेंडर सही तरीके से मिलने लगे।
अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार 22 योजनाओं का रेखांकन जनगणना के आधार पर कर रही है। बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ की योजना भी इसी जनगणना के आंकड़ों के आधार पर निकली, जिस पर सही से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनगणना को संपूर्ण बनाने के लिए 16 भाषाओं को रखा गया है, जिससे लोग अपनी जानकारी सही तरीके से दे सकें।
उन्होंने कहा कि डिजिटल जनगणना होने से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक कार्ड समेत सभी कार्ड एक जगह आ जाएंगे। जिसके जरिए सब कुछ सही तरीके से हो सकता है। हालांकि इस पर अभी काम नहीं किया जा रहा है लेकिन जनगणना के डिजिटल होने से यह काम आसानी से हो सकता है। शाह ने यह भी बताया कि, सरकार अब तक हुई सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा खर्च इस बार करने जा रही है। जनगणना में सरकार इस बार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।