मोदी सरकार ने किया सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में बदलाव

केंद्र सराकर ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में बदलाव कर केंद्रीय लोकसेवा नियम-1972 में संशोधन किया है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पेंशन नियम-1972 में संशोधन पर मुहर लगा दी है।  नए नियम के मुताबिक, 7 साल से कम की सेवा के दौरान अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तब भी उसका परिवार 10 साल तक बढ़ी हुई पेंशन का हकदार होगा।

नए नियम के अनुसार, ‘ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी मृत्यु एक अक्टूबर 2019 तक 10 साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले हो जाती है और उन्होंने लगातार सात साल तक का सेवाकाल पूरा नहीं किया है तब भी उनके परिजन उप नियम के तहत बढ़ी हुई दर पर पेंशन के हकदार होंगे।’

अब तक बढ़ी हुई पेंशन के लिए कम से कम 7 साल की सेवा जरूरी थी। यानी, 7 साल की सेवा के बाद ही किसी कर्मचारी का परिवार बढ़ी हुई पेंशन का हकदार होता था, जो उसके आखिरी वेतन का 50 फीसद होता है।

पहले पेंशन का नियम –

इस नए नियम से पहले यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सात साल से कम के सेवाकाल में होती थी, तो उसके परिजनों को आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से बढ़ी हुई पेंशन मिलती थी। लेकिन अब सात साल से कम के सेवाकाल में मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिजन बढ़ी हुई पेंशन पाने के पात्र होंगे।

मंत्रालय ने दिया बयान –

कार्मिक एवं लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अनुसार, सरकार का मानना है कि पारिवारिक पेंशन की बढ़ी दर किसी सरकारी कर्मचारी के अपने करियर की शुरुआत में मृत्यु होने की स्थिति अधिक जरूरी है। क्योंकि शुरुआत में उसका वेतन भी कम होगा।

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