अगर आप बिना फास्टैग के गाड़ी चला रहे हैं तो अब जरा साबधान हो जाएं क्योंकि 1 दिसंबर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चलाने वालों को मोदी सरकार ने झटका दिया है। देशभर के सभी टोल एक दिसंबर से कैशलेस होने वाले हैं। फैसटैग के बिना आप टोल पार नहीं कर पाएंगे। इसकी घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को की। राष्ट्रीय राजमार्गों पर केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है कि, 1 दिसंबर के बाद यदि कोई वाहन फास्टैग के बिना टोल प्लाजा की फास्टैग लेन से गुजरता है उसे दोगुना टोल देना होगा।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि, अगले एक दिसंबर से देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा पर नकदी में टोल चुकाने की सुविधा खत्म की जा रही है। वहां सिर्फ फास्टैग से ही टोल चुकाया जा सकेगा। हालांकि, टोल प्लाजा पर एक लेन ऐसी भी होगी, जहां बिना-टैग वाले वाहनों से सामान्य टोल ही वसूला जाएगा। गडकरी ने बताया कि, देशभर में 537 टोल प्लाजा पर यह व्यवस्था लागू होगी।
उन्होंने कहा कि, इस समय फास्टैग बेचते समय 150 रुपये का सिक्योरिटी डिपोजिट लिया जाता है। मगर इसे बढ़ावा देने के लिए एनएचएआई इसे नि:शुल्क देगी। मतलब इसे लेने वालों को 150 रुपये नहीं चुकाने होंगे। हालांकि मुफ्त में फास्टैग सिर्फ एनएचएआई के प्वाइंट ऑफ सेल -पीओएस- पर ही मिलेगा। बैंक से यदि इसे खरीदते हैं तो ग्राहकों को पूरा शुल्क चुकाना होगा।
जानते हैं कि क्या है फास्टैग ??
फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है। इसे वाहन के सामने वाले कांच पर लगाया जाता है। यह रेडियो आवृत्ति पहचानने की टेक्निक पर काम करता है। इससे ग्राहकों को टोल प्लाजा पर टैक्स देने के दौरान होने वाली परेशानियो से निजात मिल सकेगी और नकद लेन-देन के लिए रुकना नहीं पड़ेगा और टैग की मदद से टोल का भुगतान हो जाता है। इस टैग को ग्राहक सीधे अपने बैंक खाते से जोड़ सकते हैं या उसे पहले से प्रीपेड रीचार्ज भी करवा सकते हैं।
सरकार को क्या होगा फायदा??
गडकरी ने कहा कि अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना आय बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की उम्मीद है। अगले दो साल में एनएचएआई का टोल राजस्व 30 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।