दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस.मुरलीधर के तबादले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। एक ओर प्रियंका गांधी ने जस्टिस मुरलीधर के तबादले को लेकर ट्वीट किया कि न्यायमूर्ति मुरलीधर का आधी रात को तबादला चौंकाने वाला नहीं है, लेकिन यह प्रमाणित रूप से दुखद और शर्मनाक है। लाखों भारतीयों को एक न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है, न्याय को विफल करने और उनके विश्वास को तोड़ने के सरकार के प्रयास दुस्साहसी हैं
The midnight transfer of Justice Muralidhar isn’t shocking given the current dispensation, but it is certianly sad & shameful.
Millions of Indians have faith in a resilient & upright judiciary, the government’s attempts to muzzle justice & break their faith are deplorable. pic.twitter.com/KKt4IeAMyv
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 27, 2020
वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर जस्टिस लोया को याद किया।
Remembering the brave Judge Loya, who wasn’t transferred.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 27, 2020
जिस पर सरकार की तरफ से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि पार्टी ने एक बार फिर दिखाया है कि वह न्यायपालिका का कितना सम्मान करती है। उन्होंने बताया कि उनके तबादले की सिफारिश 12 फरवरी को ही की जा चुकी थी।
By politicising a routine transfer, Congress has yet again displayed its scant regard for the judiciary. People of India have rejected Congress Party and hence it is hell bent on destroying the very institutions India cherishes by constantly attacking them.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 27, 2020
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘एक नियमित स्थानांतरण का राजनीतिकरण करके, कांग्रेस ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह न्यायपालिका का कितना सम्मान करती है। भारत के लोगों ने कांग्रेस को नकार दिया है और यही वजह है कि वह लगातार हमले करके संवैधानिक संस्थानों को तबाह करने पर अमादा है।’
केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि क्या राहुल गांधी खुद को उच्चतम न्यायालय से ऊपर समझते हैं। उन्होंने कहा, ‘लोया के फैसले को उच्चतम न्यायालय ने अच्छी तरह से सुलझा लिया है। सवाल उठाने वाले लोग विस्तृत तर्कों के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्णय का सम्मान नहीं करते हैं। क्या राहुल गांधी खुद को शीर्ष अदालत से भी ऊपर समझते हैं?’
भाजपा नेता ने कहा, ‘हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करने में कांग्रेस का रिकॉर्ड, आपातकाल के दौरान सर्वोच्च अदालत के जजों को निकालने से सभी अवगत हैं। वे तभी आनंदित होते हैं जब निर्णय उनकी पसंद का हो अन्यथा संस्थानों पर ही सवाल उठा देते हैं।’
कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए मंत्री ने कहा कि पार्टी ने अदालत, सेना के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी जो एक परिवार की निजी संपत्ति है उसे भड़काऊ भाषणों पर टिप्पणी करने की जरुरत नहीं है। परिवार और उसके साथियों ने अदालतों, सेना, कैग, प्रधानमंत्री और भारत के लोगों के खिलाफ नियमित रूप से कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है।’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि मौजूदा मामले को देखते हुए जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला चौंकाने वाला नहीं है, बल्कि यह दुखद और शर्मनाक है। उन्होंने आगे कहा कि लाखों भारतीयों को एक न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है, न्याय और जनता का विश्वास तोड़ने का सरकार का
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि बहादुर जज लोया को याद कर रहा हूं, उनका तबादला नहीं हुआ था। दरअसल, मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में तबादला किया गया है। उन्होंने दिल्ली हिंसा के मामले पर सुनवाई की थी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली हिंसा मामले में भाजपा नेताओं को बचाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर का तबादला किया।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगाता है कि न्याय करने वालों को देश में बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा सरकार द्वारा हिट एंड रन का कमाल का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा की बदले की राजनीति का पर्दाफाश हुआ है।