नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। लॉकडाउन के कारण ही सही प्रकृति सांस ले रही है। इसकी तस्दीक पिछली कुछ अप्रत्याशित घटनाओं से हुई है। कभी सहारनपुर से हिमालय पर्वत के दर्शन होना तो कभी दिल्ली में मुगलों के जमाने का एक कुआं पानी से लबालब होना। ये जीता-जागता सबूत है कि प्रकृति अपने वास्तविक रूप में आ रही है। कोरोना वायरस के कारण किये गये लॉकडाउन के कारण भले ही कोई बड़ी कामयाबी ना मिली हो, लेकिन ये लॉकडाउन प्रकृति के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। कभी धुंधला दिखाई देने वाला आसमान अब वास्तविक नीले रंग में दिख रहा है। तो वहीं, नाले की तरह दिखने वाली यमुना नदी भी अब साफ दिखने लगी है। और तो और मां गंगा का पानी भी अब पीने लायक हो गया है। आपको कुछ ऐसे ही फोटो दिखाते हैं जिन्हें देखकर आपको भी एहसास हो कि इंसानों ने अपने फायदे के लिए प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचाया है।
पानी से लबालब भरा ये कुआं देश की राजधानी दिल्ली के सदर बाजार इलाके में है। मुगल काल में बनाए गए इस कुएं का पानी आस-पास की दुकानों में भी घुस गया है। लॉकडाउन से पहले इस कुएं का पानी 60 फुट से अधिक गहराई पर था, लेकिन अब यह सिर्फ 10 फीट की ऊंचाई से भी दिख सकता है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में अभी कुछ दिनों पहले गजब का नजारा देखने को मिला। सहारनपुर से हिमालय की गंगोत्री रेंज दिखाई दी हैं। इन तस्वीरों को आईएफएस रमेश पांडे ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर भी किया है। तस्वीरों में सहारनपुर से बर्फ से ढके पहाड़ साफ देखे जा सकते हैं।
लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में पंजाब के जालंधर से हिमाचल प्रदेश में हिमालय पर्वत की धौलाधार रेंज के पहाड़ दिखायी दिये थे। दरअसल, लॉकडाउन के कारण आसमान में ना तो प्रदूषण है और ना ही धूल-मिट्टी का गुबार।
लॉकडाउन का सुंदर असर दिल्ली में भी देखने को मिला था। गंदे नाले जैसी दिखने वाली यमुना नदी साफ दिखाई दी।