लॉकडाउन का सितम, 60 हजार लीटर बीयर बहेगी नालियों में, जानें क्या है कारण

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाने के लिए पूरे देश में जारी लॉकडाउन की मार सभी क्षेत्रों में देखने को मिल रही है। लॉकडाउन के चलते जहां देश की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगा है, वहीं छोटे-बड़े कारोबारियो की कमर टूट गई है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां कारोबारियों को कोरोड़ों की चपत रोज लग रही है। इस क्रम में पुणे से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। पुणे में 60 हजार लीटर से भी अधिक बीयर को नालियों में बहाने की नौबत आ गई है।

जिले की 16 माइक्रो ब्रूअरी में रखे हुए बीयर को लॉकडाउन की वजह से फेंका जा सकता है। तैयार रखे गए बीयर की खपत अगर प्रॉडक्शन के कुछ महीने के भीतर ही नहीं होती है तो टेस्ट, सुगंध और टेक्सचर खराब हो जाता है। इससे पहले भी हरियाणा के गुड़गांव सहित देश के अन्य जगहों पर तैयार बीयर को फेंका जा चुका है। क्राफ्ट ब्रूअरीज़ ऑफ इंडिया के महाराष्ट्र चैप्टर के अध्यक्ष नकुल भोसले ने बताया, ‘शराब की दुकानों के खुल जाने पर भी हमें फायदा नहीं हो रहा है। 2020 में रेस्टॉरेंट्स और बार के लिए भी अच्छे लक्षण नहीं दिख रहे हैं।’

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महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना वायरस के 165 नए मामलों के साथ संक्रमित लोगों की कुल संख्या 3,134 हो गई है। जिले में अब तक 1,358 रोगी ठीक होकर अस्पतालों से अपने घर जा चुके हैं। वहीं महाराष्ट्र में 30 हजार से अधिक केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से 1100 से अधिक की मौत हो चुकी है।

पुणे के हॉटस्पॉट क्षेत्र में एम्बुलेंस के इंतजार में एक व्यक्ति की मौत

पुणे में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट (कोविड-19 से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र) क्षेत्र नाना पेठ इलाके में कथित तौर पर एम्बुलेंस के इंतजार में 54 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक के परिजन और पड़ोसियों ने आरोप लगाया कि शुक्रवार तड़के एम्बुलेंस के इंतजार में इस व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। पुणे नगर निगम आयुक्त शेखर गायकवाड ने शनिवार को कहा कि उन्होंने इस घटना को लेकर ‘108 एम्बुलेंस सेवा’ के साथ आंचलिक एवं वार्ड के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है। मृतक के बेटे ने कहा, ” बृहस्पतिवार-शुक्रवार की रात करीब 12:30 बजे मेरे पिता शौचालय में गिर गए।

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हमने उन्हें कुर्सी पर बिठाया और कई बार 108 एम्बुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वह रात करीब 1:30 बजे तक होश में थे। हम उन्हें एक टेंपो के जरिए सासून अस्पताल ले गये, लेकिन शुक्रवार तड़के करीब 3:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।” उन्होंने कहा, ” हमें बताया गया कि मेरे पिता की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। अगर एम्बुलेंस समय पर आ जाती, तो मेरे पिता की जान बच सकती थी।”

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