नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। पाकिस्तान की अत्याचार की कहानी उजागर हुई तो इमरान ने कायराना कदम उठाते हुए सोशल मीडिया से किनारा कर लिया। पाक पीएम ने कई इलाकों में सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर और वीडियो स्ट्रिमिंग वेबसाइट जूम को कई घंटों तक ब्लॉक कर दिया। देर रात पाकिस्तान सरकार ने दोनों वेबसाइटों से ब्लॉक को हटाने का आदेश दिया और जल्द ही ब्लॉक को हटा लिया गया। पाकिस्तान सरकार की तरफ से यह कदम इसलिए उठाया गया था क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान में बलूचों के ऊपर हो रहे अत्याचारों को लेकर ‘साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस’ का आयोजन किया गया। इससे प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना डर गई और उसने ट्विटर और जूम को ब्लॉक कर दिया।
बलूचिस्तान पोस्ट की खबर के मुताबिक, उसकी वीडियो स्ट्रिमिंग सर्विस पेरिस्कोप, ट्विटर अकाउंट, वर्चुअल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वेबसाइट जूम को कई घंटों तक ब्लॉक करके रखा गया। बताया गया कि इन दोनों ही वेबसाइट पर पाकिस्तान के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही रोक लगाई गई थी। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में लोग इन वेबसाइट पर एक्सेस कर पा रहे थे।
बलूचों पर सेना का अत्याचार
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो, उनका कहना है कि बलूचों के ऊपर पाकिस्तान सरकार और सेना द्वारा अत्याचार की खबरें सामने आती रहती हैं। इसे लेकर ‘साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस’ का आयोजन किया जा रहा था, जिससे पाक सरकार और सेना डर गई और उन्होंने ट्विटर और जूम को कई घंटों तक के लिए बंद कर दिया। बता दें कि, ‘साथ फोरम’ की स्थापना अमेरिका में पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और स्तंभकार मोहम्मद ताकी ने की है।
दरअसल, रविवार को साथ फोरम ने एलान किया था कि वे लोग वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेंगे, जिसमें बलूच पत्रकार सज्जाद हुसैन और पश्तून तहाफुज मुवमेंट के नेता आरिफ वजीर की रहस्यमय परिस्थितयों में हुई हत्या को लेकर चर्चा की जाएगी।
इस फोरम में बलूचों के प्रमुख नेता, नबी बख्श बलोच, गुल बुखारी, अहमद वकास गोराया, ताहा सिद्दीकी समेत कई चर्चित लोग शामिल होने वाले थे। गोराया ने इमरान सरकार पर आरोप लगाया कि अधिकारियों ने देश में जूम को ब्लॉक किया है ताकि पाकिस्तानी नागरिक इस कॉन्फ्रेंस से न जुड़ पाएं।
हालांकि, गोराया ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का वीडियो जारी किया जाएगा, जिससे जनता इस कॉन्फ्रेंस को देख पाएगी। बलोच नेताओं की तरफ से आरोप लगाए जाने के बाद सरकार ने ट्विटर और जूम पर लगाए गए रोक को हटा लिया। सरकार की तरफ से इस प्रतिबंध को लागू करने की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है।