देहरादून: तीन तलाक के मुद्दे को लेकर सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष करने वाली सायरबानो को उत्तराखंड सरकार ने बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सायराबानों को राज्यमंत्री का स्तर देते हुए महिला आयोग में उपाध्यक्ष (प्रथम) की जिम्मेदारी सौंपी है। सीएम के इस फैसले ने सूबे की राजनीति पर नजर रखने वाले राजनीतिक पंडित भी भौचक हैं।
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3 महिलाओं को मिली आयोग की जिम्मेदारी
काशीपुर निवासी सायरबानो के अलावा राज्य की दो अन्य महिलाओं को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। जिसमें रानीखेत निवासी ज्योति शाह को महिला आयोग में उपाध्यक्ष (द्वितीय) और चमोली की पुष्पा पासवान को महिला आयोग में उपाध्यक्ष (तृतीय) बनाया गया है।
सीएम ने खेला अल्पसंख्यक कार्ड
बेशक उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन सायराबानो को महिला आयोग में उपाध्यक्ष (प्रथम) बनाकर मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदाय को साधने की कोशिश की है। सायरबानो ने इसी महीने 10 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थीं।
पीएम मोदी से प्रभावित हैं सायराबानो
बीजेपी नेता बनने के बाद सायरबानो ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि जिस पीएम ने मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक के जाल से मुक्ति दिलाई है, उससे मेरी नजर से उनका सम्मान कई गुना बढ़ गया है।