नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण (Covid-19) से बचाव को लेकर केंद्र सरकार हर पहलू पर नजर बनाए हुए है। संक्रमण की रोकथाम को लेकर वैक्सीन एकमात्र विकल्प है जिसकी उम्मीद इस साल के आखिर में या अगले साल की शुरुआत में पूरी हो सकती है। लेकिन सवाल है कि सबसे पहले किन-किन लोगों को वैक्सीन (corona virus vaccine ) लगाई जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो अगर आज भारत कोरोना वैक्सीन विकसित करता है तो सरकार ने कम से कम 3 करोड़ ऐसे लोगों की पहचान की है जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 का टीका लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्यकर्मियों को पहले दी जाएगी वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने पहली बार में 3 करोड़ ऐसे लोगों का चयन किया है जिन्हें कोरोना वैक्सीन की सबसे पहले जरूरत है। इसमें सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रमुखता दी जाएगी जिसमें 70 से 80 लाख डॉक्टर और करीब 2 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर शामिल हैं। दरअसल विशेषज्ञों की समिति एक ड्राफ्ट तैयार करने में लगी है जिसमें इस बात की चर्चा है कि अगर वैक्सीन तैयार होती है तो इसे दिए जाने की प्राथमिकता क्या होगी?
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फ्रंटलाइन वर्कर सरकार की पहली प्राथमिकता
खबरों की मानें तो केंद्र सरकार उन लोगों को प्राथमिकता तौर पर कोरोना वैक्सीन देने पर विचार कर रही है जो इस कोविड-19 महामारी में फ्रंटलाइन वर्कर बने हुए हैं। सरकार ने जिन 2 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर लिस्ट तैयार की है उनमें केंद्रीय और राज्य पुलिस बल, होम गार्ड्स, आर्म्स फोर्सेज, निगम कर्मचारी, आशा वर्कर और सफाई कर्मचारी समेत शिक्षक व ड्राइवर शामिल हैं।
अगले साल जून में आएगी वैक्सीन!
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक “वैक्सीन अगले साल जनवरी से जून की अवधि के दौरान उपलब्ध हो सकती है। अगर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहता है तो सरकार अपनी प्राथमिकता सूची को आगे बढ़ाने का काम करेगी। बता दें कि वैक्सीन पर बनी नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप केंद्रीय और राज्य एजेंसियों से मिले इनपुट के तहत काम कर रही है।