नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज मन की बात ( Mann Ki Baat) मासिक कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। कोरोना काल के पहले विजयदशमी को लेकर पीएम ने देशवासियों से सतर्क रहने की अपील की। पीएम मोदी ने लोगों से एक बार फिर अपील की कि वे त्योहारों के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करें।
लोकल फॉर वोकल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खरीदारी करते समय स्थानीय और देश में बनी स्वेदशी वस्तुओं को तवज्जो दें। इसके साथ ही पीएम मोदी ने देश के सैनिकों को विजयादशमी का शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार दिवाली में एक दीया सीमा पर तैनात सैनिक के नाम जलाएं
पढ़े पीएम मोदी के ‘मन की बात’ की बड़ी बातें
- आज विजयादशमी यानि दशहरे का पर्व है। इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं। दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है, लेकिन साथ ही ये एक तरह के संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है।
- जब हम त्योहार की बात करते हैं, तैयारी करते हैं, तो सबसे पहले मन में यही आता है कि बाजार कब जाना है? इस बार जब आप खरीदारी करने जाएं तो ‘Vocal for Local’ का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाजार से सामान खरीदते समय हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।
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- लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है जिनके बिना हमारा जीवन बहुत मुश्किल हो जाता। कठिन समय में ये आपके साथ थे, अब अपने पर्वों में अपनी खुशियेां में भी हमें इनको साथ रखना है।
- हमें अपने उन जांबाज सैनिकों को भी याद रखना है जो त्योहारों में भी सीमाओं पर डटै हैं। भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार बनाने हैं। हमें घर पर एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है।
- आज जब हम Local के लिए Vocal हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे Local products की fan हो रही है। हमारे कई Local products में Global होने की बहुत बड़ी शक्ति है।
- खादी की popularity तो बढ़ ही रही है साथ ही दुनिया में कई जगह खादी बनाई भी जा रही है। मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका (Oaxaca)’, इस इलाके में कई गांव ऐसे हैं जहां स्थानीय ग्रामीण खादी बुनने का काम करते हैं।
- जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढ़ती है। जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने पूरी दुनिया को आकर्षित किया है। हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं।
- कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्टूबर को हम सब ‘राष्ट्र्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे। जरा उस लौह पुरुष की छवि की कल्पना कीजिए जो राजे-रजवाड़ों से बात कर रहे थे, पूज्य बापू के जन-आंदोलन का प्रबंधन कर रहे थे, साथ ही अंग्रेजों से लड़ाई भी लड़ रहे थे। इन सब के बीच भी उनका sense of humour पूरे रंग में होता था।
- हमारे सिख गुरुओं ने भी अपने जीवन और सद्कार्यों के माध्यम से एकता की भावना को प्रगाढ़ किया है। पिछली शताब्दी में हमारे देश में डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर जैसी महान विभूतियां रही हैं, जिन्होंने हम सभी को संविधान के माध्यम से एकजुट किया।
- मैं आप सबसे एक वेबसाइट देखने का आग्रह करता हूं- https://ekbharat.gov.in इसमें National integration की हमारी मुहिम को आगे बढ़ाने के कई प्रयास दिखाई देंगे।