अमेरिका में हर दो में से एक अप्रवासी भारतीय हुआ भेदभाव का शिकार

नई दिल्ली : अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को भी लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ता है. बुधवार को रिलीज हुए एक सर्वे के अनुसार अमेरिका में भारतीय मूल के हर दो में से एक नागरिक को इसका सामना करना पड़ता है. हाल ही में अमेरिका में नस्ली भेदभाव की कई घटनाओं के सामने आने के ये सर्वे किया गया था. यहां अप्रवासी नागरिकों की संख्या के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है. साथ ही इस सर्वे के अनुसार यहां इनके बीच आपस में सामाजिक ध्रुवीकरण भी बहुत ज्यादा हावी है.

इस रिपोर्ट को ‘भारतीय-अमेरिकियों की सामाजिक वास्तविकता’ नामक शीर्षक से प्रकाशित किया गया है. ये ऑनलाइन सर्वे Carnegie Endowment for International Peace, Johns Hopkins-SAIS और University of Pennsylvania ने मिलकर किया है. इस सर्वे में भारतीय मूल के 1,200 अमेरिकी नागरिकों को शामिल किया गया है और इसे साल 2020 में एक सितंबर से 20 सितंबर के बीच रिसर्च एंड एनलिटिक्स फर्म YouGov के साथ मिलकर तैयार किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, “अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों को लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ता है. इनमें से रंग-रूप के आधार पर सबसे ज्यादा भेदभाव किया जाता है और पिछले एक साल के अंदर हर दो में से एक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक को इसका सामना करना पड़ा है.” इनमें वो भारतीय मूल के लोग भी शामिल हैं जिनका जन्म अमेरिका में ही हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, “इस सर्वे में एक बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है. भारतीय मूल के ऐसे नागरिक जिनका जन्म अमेरिका में ही हुआ है को इस तरह की भेदभाव की घटना का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ता है.”

इस रिपोर्ट में साथ ही कहा गया है कि भारतीय-अमेरिकियों के बीच ध्रुवीकरण अमेरिका के समाज में चल रहे ट्रेंड को दिखाता है. इसमें कहा गया है कि, ‘व्यक्तिगत स्तर पर धार्मिक ध्रुवीकरण कम है जबकि भारत और अमेरिका दोनों देशों में राजनीतिक आधार पर पक्षपातपूर्ण ध्रुवीकरण के मामलें बेहद ज्यादा हैं. हालांकि ये एक जैसा नहीं है डेमोक्रेट पार्टी का समर्थन करने वाले रिपब्लिकंस पार्टी का समर्थन करने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को करीबी दोस्त बनाने से हिचकते हैं. जबकि रिपब्लिकंस पार्टी का समर्थन करने वाले भारतीय मूल के नागरिक ऐसा नहीं सोचते.”

रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर अप्रवासी भारतीय अपने ही समुदाय में शादी करना पसंद करते हैं. 10 लोगों में से 8 लोगों का जीवनसाथी भारतीय मूल का है. वहीं अमेरिका में जन्मे प्रवासी भारतीय नागरिक की भारतीय मूल के जीवनसाथी से शादी की संभावना चार गुणा अधिक होती है. हालांकि सर्वे के अनुसार ये भारतीय मूल के अमेरिका में जन्मे व्यक्ति से शादी करना ही पसंद करते हैं.

अमेरिका में भारतीय मूल के नागरिकों की कुल आबादी के एक प्रतिशत से अधिक है और सभी पंजीकृत मतदाताओं की संख्या के एक प्रतिशत से कम है. देश में भारतीय-अमेरिकी दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समूह है. 2018 के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में भारतीय मूल के 42 लाख लोग रह रहे हैं.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles