लखनऊ: यूपी से देश और विदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार हर जिले में ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन और फैसिलिटेशन सेन्टर बनाएगी. सभी जिलों में बनने वाले इन केंद्रों में समन्वय के लिए एक सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन सेंटर भी बनाए जाने की योजना एमएसएमई विभाग ने तैयार की है. राज्य सरकार को उम्मीद है कि इन सेंटर्स के बनने से निर्यात में 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी. वहीं लगभग 4000 लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे. अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई डॉ. नवनीत कुमार सहगल ने बताया कि ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन सेन्टर्स से प्रदेश के 25 निर्यात बाहुल्य जिलों से निर्यात में 250 करोड़ की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 2500 की संख्या में रोजगार मिलेगा.
इसी तरह 25 अपेक्षाकृत कम निर्यात वाले जिलों में निर्यात में 125 करोड़ की बढ़ोतरी और 1250 लोगों को रोजगार मिलेगा. बचे जिलों से 25 करोड़ के निर्यात में वृद्धि और 250 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इन सेंटर्स के जरिए स्थानीय इकाइयों को निर्यातपरक बनाए जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही उत्पादों की ई-मार्केटिंग के लिए हैण्ड होल्डिंग सपोर्ट भी दिया जाएगा. निर्यात शुरू करने की इच्छुक इकाइयों को कम्पनी परफॉर्मेंस, बैंक एकाउंट ओपनिंग समेत कई सेवाओं में मदद दी जाएगी.
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संबंध में ट्रेनिंग कार्यक्रमों का संचालन भी किया जायेगा. साथ ही ग्लोबल बी2बी मीट, वर्चुअल ट्रेड फेयर्स, बायर सेलर मीट में भी हिस्सा लेने में मदद की जाएगी.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन सेंटर बनने से यूनिट्स की जिले स्तर की समस्याओं का समाधान आसानी से एक जगह पर हो सकेगा. यूनिट्स की मदद के लिए हेल्पडेस्क भी बनाई जाएगी. ओवरसीज ट्रेड प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन सेंटर दो स्तर पर बनाए जाएंगे. जनपद स्तर प्रदेश के सभी जिला प्रोत्साहन केन्द्रों में इसकी स्थापना होगी. सहगल ने कहा कि सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटेशन सेंटर लखनऊ में कैसरबाग स्थित उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद कार्यालय में स्थापित किया जायेगा.