लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस बार कांवड़ यात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा. कांवड़ संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत के बाद इसकी घोषणा की. कांवड़ संघ ने कहा कि इस बार श्रावण मास में आयोजित होने वाली पवित्र कावड़ यात्रा नहीं निकाली जाएगी. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को पुनर्विचार करने का दिया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल ने कांवड़ संघ के साथ बातचीत की. जिसके बाद यह फैसला लिया गया.
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते इस साल भी कांवड़ यात्रा स्थगित है. कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने कांवड़ संघों से संवाद कर फैसला लिया है कि इस साल भी कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा नहीं होगी. बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बातचीत करने के निर्देश दिए थे. पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी. इस बार भी सरकार ने संघों की सहमति से ही यह फैसला लिया है. हालांकि, यूपी सरकार चाहती थी कि इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध न लगे। बल्कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रा निकाली जाए। मगर उत्तराखंड सरकार ने बाहर से आने वाले कांवड़ियों के राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी है.
वहीं यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर पहले अनुमति दे दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि एक बात पूरी तरह से साफ है कि हम कोविड के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा में लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते। हम सभी भारत के नागरिक हैं. यह स्वत: संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है, क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है। यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है.