मंगल ग्रह पर जीवन तलाश करना जारी है. इसी बीच वैज्ञानिकों ने पहली बार ग्रह की आंतरिक परतों के बारे में व्यापक जानकारी हासिल की है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के इनसाइट लैंडर ने मंगल ग्रह के कोर, मेंटल और क्रस्ट का पता लगाया है. मंगल ग्रह पर भूकंप के आंकड़ों की मदद से 41 मील दूर सतह के नीचे मौजूद परतों के सबूत मिले हैं. नासा का इनसाइट लैंडर 2018 से मंगल पर काम कर रहा था. लेकिन इस साल फरवरी में इसका चार्ज खत्म होने के बाद काम रुक गया.
मंगल ग्रह पर उड़ने वाली धूल लैंडर के सौर पैनलों पर बैठने लगी, जिससे ये रिचार्ज नहीं हो पाया. आंतरिक परतों को लेकर अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोन, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और ईटीएच ज्यूरिख द्वारा इनसाइट के डेटा का उपयोग करके किया गया है. वैज्ञानिक मंगल पर आए भूकंपों से दो साल तक जानकारी लेते रहे और आंकड़ों का विश्लेषण लेते रहे. मंगल की संचरना के बारे में जानकारी के लिए मंगल पर एक से अधिक स्थानों पर भूकंपीय तरंगों की जानकारी लेना जरूरी था. लेकिन मंगल पर इनसाइट एक ही स्थान पर है. इस लिए शोधकर्ताओं ने भूकंपीय तरंगों की विशेषताओं का विश्लेषण शुरू किया जो अलग अलग हिस्सों से अंतरक्रिया होने पर बनती हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोन और नासा के जेपीएल के एक अध्ययन के अनुसार, इनसाइट लैंडिंग साइट के नीचे की क्रस्ट 12 से 24 मील मोटी है. यह पहली बार है जब वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह के क्रोड़, उसकी पर्पटी और उसके मैंटल के आकार और संरचना की जानकारी निकाली. इसके लिए वैज्ञानिकों ने उन भूकंपीय तरंगों का विश्लेषण किया, जो ग्रह के आंतरिक भागों से प्रतिबिंबित होकर आई थीं जिन्हें इनसाइट के सीजमोमीटर ने पकड़ा था.