सीडीएससीओ विशेषज्ञ समिति ने कोविड-19 टीकों, कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिश्रित खुराकों पर अध्ययन के लिए मंजूरी की सिफारिश की है. कोविशील्ड और कोवैक्सिन की विनिमयशीलता अध्ययन प्रोटोकॉल के आवेदन को सीएमसी वेल्लोर द्वारा प्रस्तावित किया गया है.
इससे पहले भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को दो से 17 साल के बच्चों पर ‘कोवोवैक्स’ टीके के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने की मंगलवार को सिफारिश की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
परीक्षण में 10 जगहों पर 920 बच्चे शामिल होंगे जिनमें 12-17 और 2-11 आयु वर्ग के प्रत्येक वर्ग में 460 बच्चों को शामिल किया जाएगा. एक सूत्र ने कहा, ‘‘केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने मंगलवार को एसआईआई द्वारा दिए गए संशोधित अध्ययन प्रोटोकॉल आवेदन पर विचार किया और दो से 17 साल के बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए फर्म को अनुमति देने की सिफारिश की.’’
CDSCO expert panel recommends nod to study on mixing doses of COVID-19 vaccines Covaxin and Covishield: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) July 29, 2021
पुणे की दवा कंपनी ने टीके की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का निर्धारण करने के लिए 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के भारतीय वयस्कों में चल रहे कोवोवैक्स चरण 2 और 3 नियंत्रित अध्ययन में बाल चिकित्सा दल को शामिल करने के लिए एक संशोधित प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया था.
पिछले सप्ताह प्रस्तुत संशोधित आवेदन में, एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह और निदेशक डॉ. प्रसाद कुलकर्णी ने कहा था कि विश्व स्तर पर, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों का टीकाकरण किया जा रहा है और इसके बाद लोगों को कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षित किया जाएगा और बच्चे अतिसंवेदनशील समूह में बने रहेंगे.
उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘संवेदनशील बच्चों में मौत सहित गंभीर बीमारी की खबरें आई हैं. यह भी आशंका व्यक्त की गई है कि देश में महामारी की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, जब तक बच्चों सहित सभी आयु समूहों को टीकाकरण के तहत कवर नहीं किया जाता है, सार्स-सीओवी-2 वायरस प्रचलन में बना रह सकता है, जिससे सभी को गंभीर बीमारी का खतरा बना रहता है.’’
एसआईआई ने कहा कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, कई कंपनियों ने बच्चों में कोविड-19 टीकों की सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मकता का मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसदों से कहा कि बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण जल्द शुरू होने की संभावना है.