लखनऊ: ओलम्पिक खेलों में जहां एक ओर लड़कियां देश का नाम रौशन कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कोरोनाकाल में भी फीस को लेकर देश की बेटी के साथ ज्यादिति की घटना सामने आई है. जहां स्कूल के प्रधानाचार्य ने हाईस्कूल की एक छात्रा स्मृति अवस्थी को इस कदर अपमानित किया कि छात्रा उस अपमान को सहन नहीं कर पाई और रोते-रोते उसकी मौत हो गई. यह मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है. छात्रा के साथ ये दुर्व्यवहार केवल उसकी फीस न जमा होने के कारण हुआ. छात्रा ने प्रधानाचार्य को फीस माफी की अर्जी दी, जिसे दुत्कारते हुए प्रधानाचार्य ने अर्जी को न केवल अस्वीकृत किया, बल्कि छात्रा को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करके वहां से भगा दिया. इस घटना के बाद छात्रा पूरी तरह से टूट गई और रोते-रोते घर गई. घर पहुंचते ही छात्रा बेहोश हो गई और घर के लोग कुछ समझ पाते इससे पहले उसने दम तोड़ दिया.
छात्रा के चाचा रमेश अवस्थी ने बताया कि उनकी भतीजी स्मृति अवस्थी एबी नगर स्थित एक इंटर कॉलेज में कक्षा 10 की छात्रा थी. कोरोना के कारण उपजी परिस्थितियों के चलते वह तीन माह की फीस जमा नहीं कर पाई थी. इसी सिलसिले में स्मृति फीस माफी के लिए प्रार्थना पत्र देने कॉलेज गयी थी. आरोप है कि प्रधानाचार्य ने फीस माफी का प्रार्थना पत्र लेने से इनकार करते हुए सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करते हुए उसे भगा दिया. इस अपमान से आहत स्मृति रोते-रोते घर पहुंची और बेहोश हो गयी. घर में उसे पानी के छींटे डालने और हिलाने पर भी कोई प्रतिकिया न देख उसे जिला अस्पताल लाया गया. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरू कर दी है. मृतक छात्रा निजी विद्यालय में हाईस्कूल की छात्रा थी. उसके पिता ने स्कूल के प्रबंधक और प्रधानाचार्य के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है. तहरीर के आधार पर कोतवाली में स्कूल के प्रधानाचार्य पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है.