नोएडा: उत्तर प्रदेश का पहला स्मार्ट विलेज (Smart village) गौतमबुद्ध नगर में बनने जा रहा है. ना सिर्फ इस गांव की तस्वीर बदलेगी बल्कि 14 अन्य गांवों की भी तस्वीर बदलेगी. गौतमबुद्ध नगर जिले का मायचा गांव पहला स्मार्ट विलेज बनेगा. ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने स्मार्ट विलेज प्रॉजेक्ट का शुभारंभ किया. स्मार्ट विलेज के नाम पर सिर्फ सड़क, पानी और बिजली ही नहीं बल्कि फ्री वाईफाई, निजी स्कूलों के तरह अपग्रेडेड सरकारी स्कूल, लाइब्रेरी और पार्क जैसी सुविधाएं मिलेंगी. स्मार्ट विलेज प्रॉजेक्ट पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रवक्ता के मुताबिक पहले चरण में पायलट प्रॉजेक्ट में शामिल गांवों के विकास के लिए 67.59 करोड़ रुपये से कार्य शुरू हो गए हैं. 15 करोड़ के कार्य के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. गांवों के विकास के लिए 62.45 करोड़ का बजट तैयार किया जा रहा है. मायचा को स्मार्ट विलेज बनाने में करीब 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे. गांव के तालाब का सौंदर्यीकरण होगी. खेल का मैदान विकसित किया जाएगा. रोड, बिजली, सीवर, पानी, सामुदायिक केंद्र व कॉमन हॉल, लाइब्रेरी आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इन कार्यों को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य है.
पहले चरण में 14 गांवों को मॉडल/स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है. इन गांवों में मायचा, छपरौला, सादुल्लापुर, तिलपता-करनवास, घरबरा, चीरसी, लडपुरा, अमीनाबाद उर्फ नियाना, सिरसा, घंघोला, अस्तौली, जलपुरा, चिपियाना खुर्द तिगड़ी व यूसुफपुर चकशाहबेरी गांव शामिल हैं. इन गावों में खेल के मैदान से लेकर बच्चों के पढ़ने के लिए वाईफाई तक का इंतजाम किया जाएगा.
स्मार्ट विलेज कौन सी मिलेंगी सुविधाएं
– सड़कें, ड्रेनेज, सीवरेज, जलापूर्ति और बिजली के कार्य
– सामुदायिक केंद्र, पंचायत घर व प्राथमिक विद्यालय का विकास
– युवाओं को हुनरमंद बनाना और रोजगार के लिए प्रेरित करना
– हॉर्टिकल्चर व लैंड स्कैपिंग के कार्य
– सौर ऊर्जा का संरक्षण
– वाईफाई की सुविधा
– खेल के मैदान का विकास
– तालाबों का संरक्षण
– कूड़े का प्रबंधन
– स्ट्रीट फर्नीचर लगाना