नई दिल्ली : यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव (uttar pradesh assembly election 2022) होने हैं. विधानसभा चुनाव में इस बार वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ाकर 70 से 75 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. पिछली बार विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत 60 था. वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव मशीनरी ने स्पेशल प्लान बनाया है. इस स्पेशल प्लान में आशा बहुएं, एनएएम, पंचायत अधिकारी, शिक्षा मित्र और टीचर आदि को शामिल किया जाएगा. मीडिया हाउस की रिपोर्ट की मानें तो यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में ऐसे विधानसभा क्षेत्र, मतदान केंद्र और जिले चुना जा रहे हैं जिनका पिछला विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत कम था. इन जगहों पर बूथ अवेयरनेस ग्रुप, मतदाता जागरूकता क्लब, शिक्षण संस्थाएं, निर्वाचन साक्षरता साथी सक्रिय किये जाएंगे. बता दें कि पिछली बार शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम रहा था.
बताया जा रहा है कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने का यह अभियान केंद्रीय निर्वाचन आयोग में हुई वर्कशॉप में दिये गये निर्देशों के अनुपालन के क्रम अगले दो दिन के दौरान होगा. इस वर्कशॉप में उत्तर प्रदेश सहित उन पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व अन्य अफसर शामिल हुए जहां अगले साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी को मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए उन एरिया में खासा ध्यान दिया जाएगा जहां पर महिला और पुरुष मतदाताओं का अनुपात कम है.सभी क्षेत्रों में सर्विस मतदाताओं की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. 184 विधानसभा सीटों में 51 से 60 फीसदी तक मतदान हुआ था. वहीं 12 सीटें ऐसी हैं जहां 40 से 50 प्रतिशत ही वोट पिछले चुनाव में पड़े थे.
विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी वोट प्रतिशत कम हुए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में 21 सीटें ऐसी हैं, जहां 40 से 50 फीसद के बीच मतदान हुआ था. इस बार चुनाव आयोग की पूरी कोशिश है कि लोगों को घरों से बाहर वोट डालने के लिए निकाला जा सके. दिव्यांग को मतदान केंद्र पर कैसे लाया जाए इसे लेकर भी काम हो रहा है.