नई दिल्ली: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की निकासी और तालिबान की आमद से गहराई अफरातफरी के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सोमवार को सुरक्षा परिषद के 5 स्थाई सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक से पहले फ्रांस ने ब्रिटेन के साथ मिलकर काबुल को सेफ-ज़ोन बनाए जाने के बाबत प्रस्ताव देने की बात कही है. ताकि वहां फंसे लोगों की सुरक्षित निकासी हो सके.
फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुअल मेक्रोन ने कहा है कि तालिबान के साथ भी इस बारे में शुरुआती दौर की बातचीत हुई है ताकि अफगानिस्तान में मानवीय सहायता परियोजनाएं जारी रख सकें. साथ ही उन लोगों को भी निकाला का सके जो अधिक कमज़ोर हैं. राष्ट्रपति मेक्रोन ने एक फ्रेंच अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि यूएन की बैठक में काबुल को सेफ ज़ोन बनाने के प्रस्ताव पर ब्रिटेन के साथ प्रयास कर रहे हैं.
महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनिया गुटरेज़ ने अफगानिस्तान के हालात पर अमेरिका फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और चीन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई है. फ्रांस ने जहां शुक्रवार को अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की निकासी सुनिश्चित कर ली. वहीं ब्रिटेन ने भी शनिवार को अपने सैनिकों की आखिरी खेप को लौटा लिया. लेकिन अमेरिका के सैनिक और विशेष वीज़ा कार्यक्रम के तहत वीज़ा पाने वाले क़ई अफगान नागरिक अभी भी निकल नहीं पाए हैं. जबकि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए तय 31 अगस्त क़ई मियाद खत्म होने में एक दिन ही बचा है.
यूएन में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक 31अगस्त के बाद अफगानिस्तान में यूएन का कामकाज और मानवीय सहायता परियोजनाएं जारी रखने पर चर्चा होनी है. काबुल में नाज़ुक हालात और 26 अगस्त को हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार सुरक्षा परिषद में वीटो अधिकार रखने वाले पांचों बड़े देश साथ मंथन करेंगे.
गौरतलब है कि 31 अगस्त को जहां अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के सैनिकों की वापसी की तारीख करीब आ गई है. वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अध्यक्षता काल भी 31 अगस्त के साथ खत्म हो रहा है.