अमेरिका के अफगानिस्तान से पूरी तरह वापस लौटने के बाद अब कुछ ही दिनों में तालिबान नई सरकार का गठन करेगा. अफगानिस्तान में मौजूद विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तालिबान अफगानिस्तान में ईरान के तर्ज पर सरकार गठन कर सकता है.
ABP News को मिली जानकारी के मुताबिक, तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला अखुन्दज़ादा हो सकते हैं. तालिबानी सरकार के नए सुप्रीम लीडर और उनके अधीन नई सुप्रीम काउंसिल होगी. जिसके 11 से 70 सदस्य हो सकते हैं. साथ ही मुल्ला बरादर या मुल्ला याकूब को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. आपको बता दें कि मुल्ला याकूब मुल्ला उमर का बेटा है और काफी हार्डलाइनर माना जाता है.
सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम लीडर अखुन्दज़ादा कांधार में ही रहेंगे और प्रधानमंत्री और सरकार के बाकी मंत्री काबुल से सरकार का संचालन करेंगे. सूत्रों ने बताया कि तालिबान अफगानिस्तान के मौजूदा संविधान को रद्द कर 1964-65 के पुराने संविधान को ही फिर से लागू कर सकता है क्योंकि तालिबान का मानना है कि नया संविधान विदेशी मुल्कों के अधीन बनाया गया था.
अहम बात ये है कि सरकार का गठन अगले 5 से 7 दिनों में हो सकता है और इसे लेकर पिछले 4 दिनों से तालिबानी नेता कांधार में आपसी चर्चा कर रहे हैं. सूत्रों ने ये भी बताया कि तालिबान का हार्डलाइनर गुट सत्ता में किसी और को शामिल नहीं करना चाहता है. मगर दोहा ऑफिस के तालिबानी नेता दूसरे पक्षों को भी शामिल करना चाहते हैं.
सूत्रों के मुताबिक तालिबानी सरकार में गैर तालिबानी पक्षों को सुप्रीम काउंसिल और मंत्रालयों दोनों में ही जगह दी जा सकती है. हालांकि देखना ये दिलचस्प होगा कि नार्दन एलायंस और तालिबान के बीच बातचीत में कोई समझौता हो पाता है या नहीं.
क्योंकि नार्दन एलायंस सरकार में बराबर की हिस्सेदारी चाहता है और तालिबान इसके लिए फिलहाल राज़ी है. यही वजह है कि पहले दो चरणों की बातचीत तो सकारात्मक रही मगर सूत्रों के मुताबिक आखिरी की दो वार्ता उतनी सकारात्मक नहीं रही.