नई दिल्ली। शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। वहीं इस्तीफे के बाद कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा। और सिद्धू पर कई सनसनीखेज आरोप भी लगाए। उन्होंने सिद्धू को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और जनरल बाजवा का दोस्त बता डाला है।
कैप्टन ने साफ कहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में अगर सिद्धू को कांग्रेस मुख्यमंत्री का चेहरा बनाती है तो वह इसका खुलकर विरोध करेंगे। इन सबके बीच खास बात ये है कि एक तरफ जहां अमरिंदर सिंह ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (SAD) और आम आदमी पार्टी पर सीधे-सीधे वार किया। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रति उनका रवैया सॉफ्ट रहा। जिसके बाद ये भी कयास लगाए जाने लगे थे कि वह कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम सकते है।
हालांकि, कैप्टन ने बाद में ऐसी अटकलों को सिरे खारिज कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर जिस तरह से उन्होंने कांग्रेस आलाकमान और नवजोत सिद्धू पर तेवर अख्तियार किए हैं, उससे दोबारा कैप्टन के भाजपा से जुड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। गौर करने वाली बात ये भी है कि कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अक्सर वार करते रहे है, और तकरार की खबरें भी आती रहती है, वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह की पीएम मोदी से तकरार की कोई खबर सामने नहीं आई।
इसका अंदाज इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब जलियांवाला बाग के रेनोवेशन पर राहुल गांधी ने सवाल उठाया था। राहुल ने केंद्र पर निशाना साधते हुए इसे शहीदों का अपमान बताया था। लेकिन अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग रेनोवेशन पर राहुल गांधी के उलट मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी थी और सरकार की प्रशंसा भी की थी।
बता दें कि अमरिंदर सिंह विपक्ष के उन कुछ मुख्यमंत्रियों में से एक हैं जो खुलकर पीएम मोदी से मिलते रहे हैं। हाल में कैप्टन ने पीएम मोदी से मुलाकात भी थी। इस मुलाकात में उन्होंने कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया था।