Saturday, November 23, 2024

BJP-RSS की बैठक के पहले दिन नई शिक्षा नीति-2020 पर हुई बातचीत !

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी और RSS के नेताओं की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन मंगलवार को शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर विचार विमर्श किया गया।
 देश की  राजधानी दिल्ली में हुई इस बैठक में आरएसएस की ओर से वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी के अतिरिक्त शिक्षा क्षेत्र में काम कर रहे संघ परिवार से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भाग लिए थे। सूत्रों के अनुसार , पहले दिन सरकार की ओर से बैठक में हिस्सा लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों पर सरकार की नीति और सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों की जानकारी दी। 
कोरोना महामारी के कारण से उत्पन्न हुए  हालात का प्रभाव शिक्षा जगत पर किस तरह से पड़ा और कितना पड़ा, इसे लेकर भी बैठक में व्यापक बातचीत की गई।
आपको बता दें कि देश  में चल रही शिक्षा नीति और खासतौर से पाठ्यक्रमों को लेकर RSS  का हमेशा से अपना अलग ही मत रहा है। मंगलवार की बैठक में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं ने सरकार की शिक्षा नीति को लेकर केंद्रीय मंत्री से कई प्रश्न  किये और साथ ही अपने-अपने मत भी दिए।
दरअसल, वर्ष 2014 में केंद्रीय सत्ता में आने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी  ने नई शिक्षा नीति लाने को लेकर प्रयास करना प्रारम्भ  कर दिया था। हालांकि केंद्र की मोदी सरकार को इसे लाने के लिए अपने दूसरे कार्यकाल तक इंतजार करना पड़ा। लंबे समय तक चले विचार विमर्श के पश्चात सरकार 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर सामने आई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चाहता है कि इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को तेजी से लागू किया जाए। मंगलवार की बैठक में इससे जुड़े अनेकों  पहलुओं पर वार्ता  की गई।
बुधवार यानी आज बैठक के दूसरे और आखिरी  दिन भी शिक्षा से जुड़े अहम  मुद्दों पर बातचीत  की जाएगी, जिसमें RSS के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, केंद्रीय मंत्री और BJP के कई नेता हिस्सा लेंगे ।
बता दें कि अनेकों मुद्दों पर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आरएसएस  विशेष मुद्दों से जुड़े इस तरह की समन्वय बैठक बुलाता रहता है, जिसमें संघ के उन्हीं संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं जो उस क्षेत्र विशेष में कार्य  कर रहे होते हैं। इस तरह की बैठकों के जरिए आरएसएस अपने विभिन्न संगठनों के फीडबैक और इच्छाओं को बीजेपी संगठन के बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के जरिए सरकार तक पहुंचाता रहता है।

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