नई दिल्ली :कोरोना महामारी की मार्च 2020 में प्रारम्भ के पश्चात आभासीय तरीके से सुनवाई करने के बाद आज पहली बार सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह से फिज़िकल सुनवाई के लिए खोला गया। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने अधिवक्ताओं को फिज़िकल सुनवाई के लिए आते देखकर खुशी व्यक्त करते हुए कहा हम आप सभी को देखकर खुश हैं। आप कल्पना नहीं कर सकते कि हर सुबह स्क्रीन देखना कितना अकेलेपन के अहसास की तरह होता है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा उन सभी चेहरों को देखना बहुत अच्छा है जो बौद्धिक रूप से खुशी और रौशनी लाते हैं। आशा करते हैं कि हम चेहरे को फिज़िकल रूप से देखते रहें।
सर्वोच्च न्यायालय में आज 1 वर्ष 7 माह पश्चात फिज़िकल सुनवाई हुई। मुख्य न्यायधीश ने कहा कि दीवाली के पश्चात फिज़िकल सुनवाई को बड़े स्तर पर प्रारम्भ किया जाएगा। अधिवक्ता बीजू ने प्रस्तुत किया कि वर्चुअल कामकाज के कारण जूनियर वकील पीड़ित हैं। वरिष्ठ एडवोकेट राकेश द्विवेदी और रंजीत कुमार ने फिज़िकल सुनवाई प्रारम्भ करने के लिए मुख्य न्यायधीश को बधाई दी।
सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीश जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने फिज़िकल सुनवाई प्रारम्भ होने पर सबको शुभकामनाएं दी। जस्टिस नज़ीर ने कहा कि अधिवक्ता जिरह के समय मास्क हटा सकते है, इसकी अनुमति हम दे रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दावे ने कहा कि युवा वकीलों में बहुत खुशी है, बार के सदस्य बहुत खुश है, युवा अधिवक्ताओं ने बहुत कुछ झेला है, वरिष्ठ वकीलों को इतनी दिक्कत नहीं हुई, जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक से वरिष्ठ वकीलों ने जिरह किया। वकील दुष्यंत दवे ने कहा हम सभी प्रिकॉशन ले रहे हैं, सभी ने कोरोना की दोनों डोज़ ली हुई है।कोरोना महामारी के पश्चात के दौर में अदालत ने कामकाज के लिए हाइब्रिड मोड अपनाया, जिसमें फिज़िकल और वर्चुअल दोनों तरह से सुनवाई के विकल्प रखे थे। हालांकि, अधिकांश अधिवक्ताओं ने आभासीय सुनवाई का विकल्प चुना।