उत्तर प्रदेश : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियां प्रारम्भ हो गई हैं। इस बार एक नया अभिलेख बनाने की तैयारी है। हर साल बीते दीपोत्सव का विश्व अभिलेख टूट रहा है। इस बार भी यह इतिहास दोहराया जाना तय है। अबकी दीपोत्सव में 9 लाख दीपों से सरयू का श्रृंगार किया जाएगा। इसके साथ ही अयोध्या नगरी में 3 लाख दीपक अतिरिक्त जलाए जाएंगे। इस प्रकार कुल 12 लाख दीपों को एक साथ जलाया जाएगा, तो एक नया विश्व अभिलेख होगा।
पर्यटन के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि अबकी दीपोत्सव को और अधिक भव्य बनाया जा रहा है। 9 लाख दिए राम की पैड़ी में जलाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 3 लाख से अधिक दीपक अयोध्या के प्राचीन मठ मंदिर, कुंडों , चौराहे पर जलाए जाएंगे। दीपोत्सव के मुख्य स्थल राम की पैड़ी पर रामायण काल के चित्र बनाए जा रहे हैं।
अबकी दीपोत्सव बेहद अहम होगा। दीपोत्सव पर थ्री-डी होलोग्राफिक शो, लेजर शो और आतिशबाजी भी कराई जाएगी। इस दौरान श्रीलंका का सांस्कृतिक दल रामलीला का मंचन करेगा और 1 से 5 नवंबर तक अनेक साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
दीपोत्सव का कार्यक्रम 1 नवंबर को होगा। अयोध्या में इस दिन से रामायण कॉन्क्लेव और रामायण शिल्प बाजार प्रारम्भ हो जाएगा। 1 नवंबर की शाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा।
बीते साल दिवाली के पावन पर्व पर अयोध्या के दीपोत्सव में 66,0569 दीपों के जलने का विश्व अभिलेख बना था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में यह स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। अयोध्या इस बार के दीपोत्सव में अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ने को आतुर है। 12,000 प्रशिक्षित वालंटियर्स की टोली दीपों को व्यवस्थित ढंग से जलाने की जिम्मेदारी उठाएगी। दीपोत्सव के सूत्रधार प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ इस मौके पर बीते सालों की तरह स्वयं मौजूद रहेंगे तो केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी इसके साक्षी बनेंगे। केवल अयोध्या ही नहीं, पूरी दुनिया के करोड़ों रामभक्त भी आभासीय रूप से खुद को इस दीपोत्सव से जोड़कर त्रेता युग के उस आनंद का अहसास करेंगे, जिसे उस समय अवध के लोगों ने किया था, जब उनके अपने राम, सीता और लक्ष्मण 12 वर्ष के वनवास के पश्चात कौशलपुरी (अयोध्या) लौटे थे।
अयोध्या में दीपोत्सव का यह पांचवां वर्ष होगा। CM योगी के अयोध्या से निजी लगाव के नाते हर दीपोत्सव अपने में खास रहा है। इस बार के दीपोत्सव में वियतनाम, कीनिया आदि देशों के राजदूत खास मेहमान होंगे तो एक दिन पूर्व देश-दुनिया के लगभग 6 दर्जन से ज्यादा बड़े टूर ऑपरेटर्स अयोध्या में पर्यटन विकास की असीम संभावनाओं पर अपनी हिस्सेदारी तलाशेंगे। रामघाट पर सरयू की आरती के पश्चात वैदिक मंत्रों के बीच जब 9 लाख दीप जगमगाएंगे तो एक नया विश्व कीर्तिमान रच जाएगा। दीपोत्सव के लिए मठ, मंदिरों से लेकर घरों तक तैयारियां उमंग और उत्साह से जारी हैं।
इस बार दीपोत्सव के कार्यक्रम 1 नवंबर से 5 नवम्बर तक होंगे। मुख्य आयोजन 3 नवम्बर को होगा और इसी दिन CM योगी भी अयोध्या आएंगे। कार्यक्रमों की श्रृंखला में 1 नवम्बर को दो दिवसीय रामायण कॉन्क्लेव की शुरुआत होगी। 3 नवंबर को पारंपरिक दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसी दिन प्रभु राम का राज्याभिषेक होगा व शोभायात्रा निकाली जाएगी।