2022 में बदलाव तय, वेस्ट यूपी के दरवाजे BJP के लिए बंद :सपा प्रमुख अखिलेश !
मुजफ्फरनगर : यूपी में विधानसभा चुनाव के कुछ दिन ही बचे है। ऐसे में सभी पार्टियां अपने अपने तरीके से राजनीतिक समीकरण को दुरुस्त करने की कवायद में लगी हुई है। इसी कड़ी में आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर के बुढाना में ‘कश्यप सम्मेलन’ को संबोधित किया। सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर जमकर हमला बोला उन्होंने कहा कि व्यापारी सीएम के जिले में ही सुरक्षित नहीं है। यूपी में सबसे ज्यादा अन्याय हो रहा है। आगे उन्होंने कहा कि यूपी के लोग परिवर्तन और बदलाव चाहते हैं।
कश्यप सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा 2022 में बदलाव होकर रहेगा। कश्यप समाज के लोगों ने 8 बिन्दुओ का मांगपत्र दिया। अगर सपा को मौका मिला तो मांग पूरी करेंगे। भाजपा पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि आज लोगों से आजादी छीन रही है बीजेपी सरकार। आय दोगुनी नहीं हुई और महंगाई बढ़ गई। डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे है। 2022 के लिए किसानों ने भी मन बना लिया है की सरकार बदल कर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सपा लोगों को जोड़ने का काम कर रही और सभी को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। बीजेपी सरकार सत्ता में रही तो सब छीन लेगी। भरोसा दिया था हवाई चप्पल वाले जहाज से चलेंगे लेकिन ‘अब मोटरसाइकिल चलाना भी मुश्किल हो गया है। 3 कृषि कानून को लेकर सरकार को घेरते हुए उन्होंने आपकी फसल की भी कोई कीमत नहीं। 3 कानून लागू हुए तो आपके खेत भी नहीं बचेंगे। उद्योगपति आपके खेतो की मेढ़ तोड़ देंगे। काले कानून वापसी तक संघर्ष चलता रहेगा। बीजेपी ने किसान के सामने संकट पैदा किया है
सपा अध्यक्ष ने कहा कि नौजवानों के हाथ में रोजगार नौकरी नहीं है। पुलिस निर्दोषों की हत्या कर रही है। कानपुर के व्यापारी को गोरखपुर में पुलिस ने मार डाला। व्यापारी सीएम के जिले में ही सुरक्षित नहीं है। यूपी में सबसे ज्यादा अन्याय हुआ है। बाबा ठोको नीति चला रहे असर पता है, फर्रूखाबाद में जेलर पिट गए, पुलिस पिट गई और किसी को पता ही नहीं कि कैसे किसे ठोंकना है।
उन्होंने आगे कहा कि डायल 100 की सुविधा हमने शुरू की जिसे यूपी के सीएम गाड़ियों के टायर नहीं बदल पाए संख्या नहीं बढ़ा पाए। CM का सबसे अच्छा काम रंग और नाम बदलना है। यूपी में विकास के नाम पर रंग बदला जा रहा है। 2022 में यूपी के लोग परिवर्तन और बदलाव चाहते हैं। आज नोटबन्दी के 5 साल गुजर गए लेकिन भ्रष्टाचार नहीं हुआ बल्कि कई गुना बढ़ गया है।