26 अप्रैल को 108 नौकरशाहों द्वारा PM मोदी को लिखे गए, एक खुले पत्र के जवाब में देश भूतपूर्व 197 नौकरशाहों का पत्र स्वरूप में ही जवाब आया है ।
दरअसल पहले 108 नौकरशाहों के कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (CCG) ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने उम्मीद जताई है कि PM ‘नफरत की राजनीति’ को खत्म करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने लिखा था कि बीते पिछले कुछ सालों में भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यक समुदायों और मुसलमानों को निशाना बनाया गया है, जो की एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। देश के संविधान को नजरंदाज करके के जिस तरह के काम हो रहे है , उनसे हम चिंतित है।
तथा इस पत्र में समूह द्वारा कहा गया था कि “हमारा समाज के बहुत बड़े सामाजिक संकट के तरफ बढ़ रहा है , और आप चुप्पी साधे हुए है। आपका कथन सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के आपके वादे को दोहराते हुए हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप अपनी चुप्पी को तोड़िए।
गौरतलब है की इस पत्र को लिखने वाले हस्तियों में शुमार लोग थे ,दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टीकेए नायर जैसे नाम शामिल थे।
इसके बाद शनिवार को जवाबी पत्र में 197 नौकरशाहों की समूह का कहना है ये लोग समाज को गलत दिशा में मोड़ना चाहते है। लोग PM मोदी का तथा तत्कालीन सरकार के प्रति लोगों का विचार बदलने का प्रयास कर रहे हैं । ये इस तरह के पत्र को लिखकर ये दिखाना चाहते है कि हम समाज के बेहतरी के लिए चिंतित है, मगर हकीकत में ये इन लोगो के हताशा का परिणाम है । हालिया के विधानसभा चुनावों में हारने के बाद सरकार के प्रति एकजुटता का दिखावा कर रहे हैं।
जवाबी पत्र लिखने वालों में शामिल हस्तियां है:-देश के 8 रिटायर्ड जज, 97 रिटायर्ड नौकरशाहों और 92 रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स सहित 197 अन्य लोग।
कांस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (CCG) के पत्र का करारा जवाब भाजपा के ओर से आया था। भाजपा द्वारा ये आरोप लगाया गया था कि पूर्व नौकरशाह झूठी जानकारी फैला रहे हैं और देश में अविश्वास का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।