सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण देने को मंजूरी दे दी है। साथ ही यह आदेश दिया है कि सात दिन में आरक्षण के आधार पर अधिसूचना जारी किया जाए। साथ में यह निर्देश दिया है कि कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए।
दरअसल इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल टेस्ट की आधी-अधूरी रिपोर्ट के आधार पर बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर राज्य सरकार ने संशोधन याचिका दाखिल की थी। आपको बता दें कि कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को आधार मानकर आरक्षण करने का आदेश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी सूरत में आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए। वर्तमान में आरक्षण का स्वरूप कुछ इस तरह है :- अनुसूचित जाति वर्ग को 16% तथा अनुसूचित जनजाति को 20% आरक्षण मिल रहा है। इस तरह 36% आरक्षण का लाभ मिल रहा है।
मगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं होगा। यानि अब नए रूपांकन में 14 फीसदी से ज्यादा OBC को आरक्षण नहीं मिलेगा ।
मध्य प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश स्वागत किया है, और कहा है कि इस आदेश से सरकार को बहुत बड़ी सफलता मिली है।