श्रीलंका में मौजूदा संकट पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज सर्वदलीय बैठक होगी। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के बड़े नेता शामिल होंगे। विदेश मंत्री और वित्त मंत्री विपक्षी नेताओं को श्रीलंका संकट के बारे में जानकारी देंगे।
श्रीलंका की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर भारत भी चिंतित है और मदद की हर संभव कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक संकट अपने चरम पर पहुंच गया है। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों के खाने पर आफत आ गई है। विश्व खाद्य कार्यक्रम(WFP) ने कहा है कि देश में 60 लाख से अधिक लोगों पर खाने का संकट मंडरा रहा है।
श्रीलंका वर्तमान में गिरते भंडार के साथ एक गंभीर विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा है और सरकार आवश्यक आयात के बिल को वहन करने में असमर्थ है। इतना ही नहीं पेट्रोल की किल्लत इस कदर है कि हाई प्रोफाइल लोगों जिनमें क्रिकेटर से लेकर राजनेता तक शामिल हैं को दो दिनों तक लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है।
बता दें कि इससे पहले केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा था कि हम श्रीलंका के मुश्किल समय में उसके साथ हैं। हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और जिस बात को लेकर वहां के नागरिक चिंतित हैं उसके लिए हमारी सरकार हमेशा खडी़ रहेगी। वे अभी अपने स्तर पर काम कर रहे हैं, इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे क्या करते हैं। वहीं जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या कोई शरणार्थी संकट भी है वहां, तो जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है।