नई दिल्ली: मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक विवादित ट्वीट किया है, जिससे भारत और मालदीव के रिश्तों में और भी खट्टास आ सकती है. मालदीव में महीने भर के भीतर चुनाव होने को हैं जिस पर सुब्रमनियन स्वामी ने एक विवादित ट्वीट किया है.
24 तारीख को किए गए अपने एक ट्वीट में स्वामी ने मालदीव में घुसपैठ की बात कही थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि यदि मालदीव के चुनाव में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो भारत को वहां ठोस कार्यवाही कर देनी चाहिए.
https://t.co/nazyiRCOKs: India should invade Maldives if rigging of election takes place
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 24, 2018
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव के विदेश सचिव अहमद सरीर ने सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर भारत के उच्चायुक्त अखिलेश मिश्रा से जवाब मांगा है. साथ ही मालदीव ने स्वामी के इस बयान पर भारत सरकार से नारजागी और आपत्ति जताते हुए कार्यवाही की मांग भी की है.
स्वामी के इस बड़बोलेपन के चलते भारत के विदेश मंत्रालय को जवाब देना पड़ा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि स्वामी का ये बयान व्यक्तिगत है और इसका सरकार से कोई वास्ता नही है.
मंगलवार को स्वामी ने सामाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान सफाई दी है कि ये उनकी नीजी सोच है जो भारत सरकार से इसका कोई वास्ता नही. उन्होने ये भी कहा कि उनके इस बयान के कारण मालदीव में रह रहे भारतीयों को परेशान नही किया जाना चाहिए.
सुब्रमण्यम स्वामी के बयान पर मालदीव के नाराजगी जताने पर स्वामी ने रविवार को फिर से ट्वीट कर मालदीव सरकार पर सवाल उठाए. स्वामी ने कहा कि मालदीव सरकार मेरे बयान पर क्यों नाराज है. उन्होने लिखा की मालदीव में रह रहे भारतीय डर में हैं, हमें हमारे नागरिकों को बचाना चाहिए.
Why is the present Govt of Maldives upset by my “If then” statement that if Maldive’s Sept 24th general election is rigged then India should invade that nation? Already Indians in that nation are fearing reprisals. We have to protect our citizens.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 26, 2018
बता दें कि मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने सभी विपक्षियों को जेल से रिहा करने का फैसला किया था तब से वहां राजनीतिक संकट जारी है. कोर्ट के फैसले के बाद मालदीव में आपातकाल घोषित कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी जेल में डाल दिया गया था. वहीं भारत सरकार द्वारा मालदीव में आपातकाल का विऱोध करने पर मालदीव सरकार ने भारत की तरफ से भेंट में दिए गए हेलीकोप्टर भी लौटा दिए थे.