शिवसेना के मुखपत्र सामना के जरिए एक बार फिर प्रदेश की बागी सरकार पर तंज कसा गया. सामना संपादकीय में कहा गया की 40 दिनों बाद महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट विस्तार हुआ लेकिन विभाग नही बाटे जा सके हैं. निर्दलीय विधायक बच्चू काडू के बयानों का हवाला देते हुए लेख में दावा किया गया कि विभागों के बंटवारें के बाद खेमे के भीतरी लोगों का असंतोष खुल कर सामने आएगी.
कहा गया कि प्रदेश के शिंदे सरकार की नीति है जो अधिक धोखा देगा, वह बड़ा नेता बनेगा और उसे ही मंत्री बनाया जाएगा . लेख में भारतीय जनता पार्टी और शिंदे सरकार को धोखेबाज सरकार को बताते हुए और कहा गया की आज ऐसे दिन आ गए हैं कि प्प्रदेशवासियों को एक निष्क्रिय सरकार का सामना करना पड़ रहा है.
शिवसेना ने अपने एडिटोरियल में कहा कि लगभग डेढ़ महीने के बाद कैबिनेट का पालना हिला लेकिन इस पालने की डोर किसके हाथ में है, यह समझ नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि इस पालने की कई डोरियां हैं और वह अंदर-बाहर के कई लोगों के पास हैं, ऐसा मालूम हो रहा है। जो पालने में हैं वे अपने मनमाफिक विभाग के लिए और जिन्हें पालने में स्थान नहीं मिला है, वे नाराजगी जाहिर करने के लिए हाथ की डोर को फेक दे रहे हैं.