Janmashtami 2022: कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर वर्ष भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है. जो कि शुक्रवार यानी आज के दिन मनाया जा रहा है. कृष्ण जन्मोत्सव की धूम और रौनक (Janmashtami Vrat ke Niyam) हर तरफ नजर आ रही है. इस दिन प्रभु श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और उनके जन्मोत्सव को बडे़ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. साथ ही भाद्रपद के अष्टमी तिथि के दिन उपवास रखने की भी परंपरा है. लेकिन व्रत के कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक है. आइए जानते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के नियम .
श्री कृष्जनमोत्सव के दिन अपवाद करने वाले भक्त दिनभर फलाहार व पानी पीकर रह सकते हैं. परंतु ध्यान रखें कि इस दिन सूर्य ढलने के बाद जल नही ग्रहण करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक जन्माष्टमी के दिन सूर्यास्त के बाद पानी पीना वर्जित होता है. मध्य रात्रि 12 बजे प्रभु नटवर नागर का जन्म होने के पश्चात ही जल ग्रहण किया सकता है.
सनातन धर्म में श्री कृष्णजनमोत्सव का विशेष महत्व है. इस तिथि को सात्विक भोजन के साथ ही सात्विक विचार भी होने चाहिए. विशेष रूप से जब कोई जातक उपवास कर रहा है उसे दिनभर भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करनी चाहिए. भूलकर भी किसी महिला या गरीब का अपमान नहीं करना चाहिए.