नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण और मंकीपॉक्स के बाद भारत में अब टोमेटो फीवर (Tomato Fever) तेजी से फैल रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता भी बढ़ गई है। लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, केरल में टोमेटो बुखार के 82 संदिग्ध पाए गए हैं । वहीं, ओडिशा में 26 बच्चे इसकी चपेट में आए हैं। इन सभी की आयु 9 वर्ष से कम बताई जा रही है।
संक्रमण पर बेसिक रिपोर्टों में बताया गया है कि टोमेटो फ्लू एक दुर्लभ प्रकार की संक्रामक बीमारी है, जबकि अन्य ने कहा है कि यह चिकनगुनिया के डेंगू बुखार का एक रूप है। बीते कुछ सफ्ताहों में, केरल में टमाटर बुखार के संदिग्धों में अचानक इजाफा देखने को मिला है जो बच्चों पर असर डाल रहा है।
टैमेटो फीवर में किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है
यह एक बहुत ही साधारण प्रकार का बुखार है जिसमें पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना निदान के बुखार का अनुभव होता है। सामान्य तौर पर, एक संक्रमित संदिग्ध डीहाइड्रेशन के साथ-साथ चकत्ते और स्किन में जलन का अनुभव करता है; संपर्क में आने के कारण शरीर के कुछ भाग पर भी छाले हो जाते हैं। फफोले का रंग सामान्य रूप से लाल होता है और चकत्ते तकरीबन टमाटर के आकर के होते हैं, इस प्रकार इसे “टमाटों फ्लू” या “टमाटो फीवर” कहा जाता है।