उत्तर प्रदेश में 18 पिछड़ी जातियों को एससी वर्ग में शामिल करने की सियासत अभी जारी है.अब भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में इस मसले को भुनाने की तैयारी में है. इसके लिए बड़ी योजना तैयार हो रही है. मिली जानकारी के मुताबिक यूपी की योगी सरकार जल्द ही इन 18 ओबीसी जातियों को एससी वर्ग की मान्यता दिलाएगी.
आगामी मानसून सत्र में विधानसभा के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी भी है. अब प्रश्न उठता है कि बीते 17 वर्षों से चल रहे इस मुद्दे को यूपी की योगी सरकार कैसे हल करेगी. कैसे ओबीसी की इन पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराएगी?
यूपी के 2017 विधानसभा चुनावों से पूर्व भी भारतीय जनता पार्टी ने यह दांव चला था. जिसका शानदार लाभ भी प्राप्त हुआ था. यही कारण है कि मिशन-2024 को फतह करने के लिए ही भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार एक बार फिर पिछड़ी जातियों पर ही दांव लगाने की तैयारी में है. इन वर्गों को विधानसभा चुनाव 2022 से पूर्व आरक्षण न देने के कारण दल को राजनीतिक नाराजगी का सामना करना पड़ा था .
इन समुदायों को मिलेगा दर्ज़ा
मिली जानकारी के मुताबिक, जिन 18 पिछड़ी जातियों की बात हो रही है कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी और मछुआ वर्ग शामिल हैं. इसके अतिरिक्त मझवार और भर समुदाय की परिभाषा भी स्पष्ट कराई जा सकती है.