सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा में आर्थिक रूप से विकृत वर्ग (EWS) के रिजर्वेशन की संवैधानिक वैधता और वित्तीय स्थितियों के आधार पर रोजगार के मसलों से जुड़े केस में अपना निर्णय सुरक्षित रखा है। शीर्ष अदालत की संवैधानिक पीठ आर्थिक आरक्षण कोटा में 10 फीसदी छूट की संवैधानिकता पर सुनवाई कर रही थी।
Supreme Court reserves order in the matter relating to the constitutional validity of reservations of the Economically Weaker Section (EWS) in higher education and issues of public employment on the basis of financial conditions. pic.twitter.com/nxM2TJCooZ
— ANI (@ANI) September 27, 2022
103वें संविधान संशोधन के तहत EWS को किया गया था पारित
जनवरी 2019 में 103वें संविधान संशोधन के अंतर्गत आर्थिक आरक्षण कोटा पारित किया गया था। इस कानून के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। पांच न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। आवेदन में कहा गया था कि SC, ST और OBC में भी गरीब लोग हैं तो फिर यह रिजर्वेशन मात्र अनारक्षित वर्ग के लोगों को क्यों दिया जाता है।
इससे 50 प्रतिशत के आरक्षण नियम का उल्लंघन होता है। पूर्व से ही OBC को 27 प्रतिशत, SC को 15 और ST के लिए 7.5 पर्सेंट कोटा निर्धारित किया गया है। ऐसे में 10 प्रतिशत का EWS कोटा 50 प्रतिशत के नियम को तोड़ता है।