केरल HC का बड़ा निर्देश,PFI द्वारा बंद के दौरान सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचने पर लगाया 5 करोड़ का हर्जाना

Keral HC on PFI: भारत सरकार द्वारा बैन आर्गनाइजेशन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर केरल उच्च न्यायालय ने भी आज सख्ती दिखाई है। अदालत ने बीते 23 सितंबर को प्रदेश में रखे गए बंद के दौरान KSRTC की बसों में की गई तोड़फोड़ और आगजनी के हर्जाने के रूप में पीएफआई को पांच करोड़ रुपये चुकाने का निर्देश दिया। यह धनराशि PFI को सरकारी खजाने में जमा कराना होगा। 

गौरतलब है कि, संगठन के नेताओं व कार्यकर्ताओं की देशभर में धरपकड के प्रथम चरण के खिलाफ 23 सितंबर को पीएफआई ने केरल बंद का आह्वान किया था। इस दौरान प्रदेश के कई जिलों में सरकारी बसों में भारी तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। इसके हर्जाने के रूप में KSRTC ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से पांच करोड़ रुपये मांगे हैं।  

केरल हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश भी दिया जाएगा कि संगठन के पूर्व राज्य महासचिव अब्दुल सत्तार को हड़ताल से संबंधित हिंसा और संपत्ति नष्ट किए जाने के संबंध में राज्य भर में दर्ज सभी आपराधिक मामलों में एक पक्ष बनाया जाए। सुनवाई के दौरान केएसआरटीसी की ओर से पेश वकील दीपू थंकन ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास सीपी की खंडपीठ ने यह भी कहा कि वह यह निर्देश देगी कि हड़ताल से संबंधित हिंसा के मामलों में किसी भी आरोपी को तब तक जमानत नहीं दी जाए जब तक कि वे कथित रूप से हुए नुकसान की कीमत जमा नहीं कर देते।

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