प्रवर्तन निदेशालय का बड़ा दावा, दिल्ली के डिप्टी सीएम ने सबूत मिटाने के लिए बदले 140 फोन

दिल्ली की नई आबकारी नीति वैसे तो अब अस्तित्व में नहीं है। लेकिन सियासी तौर पर यह मुद्दा बेहद  संवेदनशील हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी एक तरफ जहां हर रोज AAP की सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगा रही है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भी भाजपा पर एक से बढ़कर एक दावे कर रही है।

इन सबके बीच मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, ईडी ने बड़ा दावा किया है कि डिजिटल सबूतों  को मिटाने के लिए लगभग 140 फोन बदले। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि उसने पूछताछ में पाया कि एक्साइज घोटाले में शामिल या संदिग्ध 34 अहम व्यक्तियों ने संबंधित अवधि के दौरान डिजिटल सबूत को मिटाने के मकसद से कुल 140 फोन (लगभग 1.20 करोड़ रुपये मूल्य) को कथित तौर पर परिवर्तित किया।

इन VIP में सभी मुख्य आरोपी, शराब कारोबारी, सीनियर गवर्मेंट अफसर, दिल्ली आबकारी मंत्री और अन्य संदिग्ध शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि जब इन्वेस्टिगेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई उसके पश्चात  समय बताता है कि घोटाले के सामने आने के पश्चात इन फोनों में  अधिकांश बदलाव किए गए थे।

फोन कथित रूप से खराब किए जाने पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आबकारी प्रभार संभाला। एजेंसी ने अरेस्ट किए गए दो आरोपियों, फ्रांसीसी वाइन कंपनी पर्नोड रिकार्ड के दिल्ली क्षेत्रीय प्रमुख बेनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के परमानेंट डायरेक्टर पी सरथ चंद्र रेड्डी की रिमांड की मांग की थी।

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