SC on population control: सर्वोच्च न्यायालय ने बढ़ती पॉपुलेशन को कंट्रोल करने के लिए दो-बच्चे के नियम को लागू करने के लिए कानून की मांग करने वाली दलीलों को सुनने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले को देखना सरकार का काम है। जन्मदर में इजाफा के बाद भी हिंदुस्तान की जनसंख्या स्थिर होने के बारे में मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये ऐसा मसला नहीं है जिसमें कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए।
जस्टिस एस के कौल और जस्टिस ए एस ओका की बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि पॉपुलेशन कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे एक दिन में रोका जा सकता है। याचियों में से एक एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि इस मसले पर लॉ कमीशनकी रिपोर्ट बहुत अहम है।
अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आर्डर को चुनौती दी थी जिसमें बढ़ती पॉपुलेशन को कंट्रोल करने के लिए दो बच्चों के मानदंड समेत कुछ कदमों की अपील करने वाली आवेदन को रद्द कर दिया गया था।