संसद का शीतकालीन सत्र आगामी माह से प्रारंभ होने वाला है। 7 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले इस सत्र में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस प्रेसिडेंट पद के इलेक्शन लड़ने से पूर्व सोनिया गांधी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। अब सोनिया गांधी को निर्धारित करना है की राज्य सभा में कांग्रेस पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष कौन होगा।
क्योंकि वो कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की नेता हैं। पार्टी में बड़े सदन के लिए विपक्ष के नेता के पद को लेकर घमासान बढ़ गया है। दरअसल, बड़े सदन में विपक्ष के नेता रहे मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी प्रेसिडेंट का इलेक्शन लड़ने के लिए एक व्यक्ति एक पद के उदयपुर संकल्प शिविर में लिए गए सिद्धान्त का पालन करते हुए अपना त्यागपत्र दे दिया था।
खरगे ने अपना त्यागपत्र उस वक्त की प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को सौंपा था और ये त्यागपत्र राज्य सभा के सभापति को नहीं भेजा गया था। पार्टी का कहना है की राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कांग्रेस के पास आवश्यक तादाद है और ये पार्टी का इंटरनल मैटर है की वो ये जिम्मेदारी किसे देती है। नेता विपक्ष के पद की संभावनाओं में कई नेता अभी से अपनी गोटी मजबूत करने में जुट गए हैं। विपक्ष के नेता के चयन की खबरें प्रारंभ होते ही उत्तर भारतीय नेताओं ने दावा ठोकना प्रारंभ कर दिया है।