कोरोना वैक्सीनेशन के कारण कथित मृत्यु को लेकर केंद्र सरकार ने कोई जिम्मेदारी लेने से मुंह फेर लिया है। सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि मृतकों व उनके परिजनों के प्रति उसकी पूरी संवेदना है, लेकिन वैक्सीनेशन के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
यह केस पिछले वर्ष दो लड़कियों की कथित तौर पर कोरोना वैक्सीनेशन से मृत्यु को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल आवेदन से संबंधित है। केंद्र सरकार ने हलफनामे के साथ दायर जवाब में कहा कि जिन केस में वैक्सीन के कारण मृत्यु हुई हो, उनमें सत्र न्यायालय में केस दाखिल कर मुआवजा मांगा जा सकता है। यह हलफनामा दो महिलाओं के माता-पिता द्वारा दाखिल आवेदन के जवाब में आया है। इनकी पिछले वर्ष कोविड वैक्सीनेशन के बाद मौत हो गई थी।
अर्जी में मांग की गई है कि कोविड टीकाकरण से जान जाने के मामलों की स्वतंत्र जांच कराई जाए और वैक्सीनेशन के बाद किसी भी प्रतिकूल असर (AEFI) का वक्त रहते पता लगाकर उससे बचाव के उपाय करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा बोर्ड बनाने की अपील की गई है।