महाराष्ट्र-कर्नाटक बॉर्डर डिस्प्यूट का मसला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे को लेकर शिंदे और ठाकरे पक्ष के बीच लगातार जुबानी जंग जारी है। ठाकरे पक्ष के कई नेता शिंदे सरकार पर निशाना साधने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में आज आदित्य ठाकरे का भी स्टेटमेंट सामने आया है। आदित्य ठाकरे ने कहा है कि केस सर्वोच्च न्यायालय में है, इसे वहीं सुलझाना चाहिए, हिंसा नहीं होनी चाहिए। ‘असंवैधानिक’ तरीके से सत्ता में आई शिंदे सरकार स्टैंड नहीं ले पा रही है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेश हैं, केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए। इसके अतिरिक्त ठाकरे ने मुंबई में बढ़ते पॉल्यूशन का मसला भी उठाया। उन्होंने कहा कि शिंदे सरकार इस मुद्दे पर भी चुप है। जनसरोकार से संबंधित मसले पर उचित निर्णय लेने की आवश्यकता है लेकिन शिंदे सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है।
बेलगावी बॉर्डर डिस्प्यूट या बेलगांव सीमा विवाद कर्नाटक और महाराष्ट्र के भारतीय प्रदेशों के मध्य एक विवाद है। मौजूदा बेलगावी कर्नाटक का एक जनपद है, लेकिन ब्रिटिश भारत में, वर्तमान गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ इलाकों के साथ, बॉम्बे प्रेसीडेंसी का भाग था।