पाकिस्तान में पहले से चल रहे राजनीतिक व आर्थिक अस्थिरता के बीच सत्ताकाबिज गठबंधन में मतभेद उत्पन्न हो रहा है। अशांत बलूचिस्तान प्रांत की प्रमुख गोल्ड माइनिंग प्रोजेक्ट को लेकर गठबंधन के दो सहयोगी पार्टियों में मतभेद उभरे हैं।
पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने बीते सफ्ताह बलूचिस्तान में अरबों डॉलर की रेको डिक कॉपर एंड स्वर्ण खनन परियोजना की बहाली को स्वीकृति दे दी थी। ‘डॉन’ के मुताबिक, को इस विवादित प्रोजेक्ट पर चर्चा के लिए पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व में मंगलवार को मंत्रीमंडल की बैठक हुई थी। इसका गठबंधन सरकार के दो सहयोगी पार्टियों- जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (बीएनपी-मेंगल) ने बहिष्कार किया।
पाकिस्तान गठबंधन सरकार के उक्त दोनों घटक पार्टियों का मानना है कि सीनेट द्वारा सोमवार को पास रेको डिक परियोजना से संबंधित विदेशी निवेश (संवर्धन और संरक्षण) बिल 2022 बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों के विरुद्ध है। उनका कहना है कि जेयूआई-एफ और बीएनपी-मेंगल को यह बिल तैयार करते वक्त विश्वास में नहीं लिया गया। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफ कैबिनेट की मीटिंग के बाद जेयूआई-एफ और बीएनपी-एम दोनों ने अलग-अलग मीटिंग कीं। इसमें कहा गया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ देंगी।