up nikay chunav 2022: ओबीसी आरक्षण को लेकर बीएसपी चीफ़ ने जताई नाराज़गी, कहा- ओबीसी समाज भाजपा को इसकी सज़ा जरूर देगा

mayawati statement on obc reservation: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा आदेश सुनाया है। अदालत ने कहा है कि बगैर ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराया जाए। जब तक ट्रिपल टेस्ट नहीं हो जाता तब तक ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होगा। बिना आरक्षण के सरकार चुनाव कराये। इस फैसले को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपनी नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने इस आदेश के सहारे भाजपा को घेरते हुए कहा है कि कोर्ट  का फैसला सही मायने में बीजेपी व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है।

मायावती ने ट्वीट कर भाजपा पर साधा निशाना

बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि,यूपी में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने सम्बंधी माननीय हाईकोर्ट का फैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है।

उन्होंने घेरते हुए आगे कहा कि, यूपी सरकार को मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जाना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज बीजेपी को जरूर देगा।

समिति का किया जाए गठन 

उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने ओबीसी आरक्षण को निरस्त करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश मुताबिक ओबीसी आरक्षण देने के लिए एक समिति का गठन किया जाए, तभी ओबीसी आरक्षण दिया जाए, सरकार ट्रिपल टेस्ट के फॉर्मूला को अपनाए, इसमें वक्त लग सकता है, ऐसे में अगर सरकार और इलेक्शन कमीशन चाहे तो बिना ओबीसी आरक्षण ही तत्काल चुनाव करा सकता है.

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