संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एक मीटिंग में वृहस्पतिवार यानी 12 जनवरी को भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है । भारत ने कहा है कि जो मुल्क अपने तुच्छ सियासी लाभ के लिए पड़ोसी देशों में आतंकवाद का बीज बोता हैं, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसी पर हमला बोला है। भारत ने ये भी कहा कि अब विश्व के देशों को आतंकवाद के विरुद्ध एक साथ खड़े होना चाहिए। भारत ने यूनाइटेड काउंसिल की इस मीटिंग में परोक्ष रूप से चीन की भी सीमा समझौतों का उल्लंघन करने के लिए निंदा की।
वृहस्पतिवार को जापान की अगुवाई में यूएन में खुली बातचीत हुई। इस दौरान यूनाइटेड नेशन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि लेटरनेशनल लेवल पर कानून का शासन होना चाहिए, जिससे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को आक्रामकता, आतंकवाद से कोई खतरा ना रहे। यह तभी मुमकिन होगा, जब सब देश आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए साथ आएं। कंबोज ने कहा कि सियासी लाभ के लिए दोहरे मापदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए।
रुचिरा कंबोज ने कहा कि कानून का शासन तभी लागू हो सकता है जब सभी कंट्री एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करें, उसी प्रकार जैसे वह स्वयं अपनी संप्रभुता के लिए सम्मान चाहते हैं। भारतीय राजदूत ने बातों ही बातों में चीन को भी टारगेट पर ले लिया। उन्होंने कहा कि समझौतों का पालन कानून के शासन की पहली शर्त है। मतलब दो मुल्कों के बीच जो समझौते होते हैं, उनका उलंघन नही किया जाना चाहिए और उसमें परिवर्तन के लिए एकतरफा प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।