गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) को एक और बड़ा झटका लगने वाला है. दल के महासचिव निजामुद्दीन खटाना और इसके तीन दर्जन से ज्यादा संस्थापक सदस्य मंगलवार (17 जनवरी) को कांग्रेस का दामन थमने जा रहे हैं. डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी को यह झटका ऐसे वक्त पर लग रहा है जब मंगलवार को ही अपनी नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन को लेकर आजाद के इलेक्शन कमीशन से मिलने की संभावना है.
पार्टी के एक सीनियर नेता के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि गुलाम नबी आजाद को इलेक्शन कमीशन ने मंगलवार को बुलाया है. गौरतलब है कि ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ नाम अभी पार्टी के लोगों ने दिया है और इस पर निर्वाचन आयोग की मुहर लगना बाकी है.
आज यानी 17 जनवरी को जो नेता आजाद की पार्टी छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ रहे हैं उनमें पार्टी जनरल सेक्रेट्री निजामुद्दीन खटाना प्रमुख हैं. कश्मीर के कोकेरनाग से संबंध रखने वाले खटाना दो बार MLC रहे हैं. बीते वर्ष सितंबर में ही उन्होंने पीडीपी छोड़कर आजाद की पार्टी में शामिल हुए थे. वहीं, पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा रखने वाले उनके बेटे चौधरी गुलजार खटाना भी कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं.
आजाद के पार्टी गठन के तीन माह में ही नेताओं और कार्यकर्ताओं के छोड़ने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने निशाना साधा है. जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए डीएपी को ‘डिसअपियरिंग आजाद पार्टी’ बताया था. आजाद ने इसके साथ ही खटाना के इस्तीफे को भी साझा किया था.