हमदाबादः पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को अनिश्चितकालीन अनशन के 14वें दिन सांस लेने में दिक्कत की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हार्दिक पटेल को सोला के सरकारी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सरकार द्वारा उनकी मांगों की उपेक्षा किए जाने के बाद हार्दिक ने एक दिन पहले पानी भी त्याग दिया था.
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) में उनके सहयोगियों ने उन्हों अस्पताल में भर्ती कराया. उन्होंने कहा कि पटेल ने जल लेना त्याग दिया था, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. सहयोगियों ने बताया कि उन्होंने बीजेपी सरकार को वार्ता के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर गुरुवार तक ऐसा नहीं किया गया तो हार्दिक जल त्याग देंगे.
पाटीदार नेता मनोज पनारा ने संवाददाताओं से कहा कि बीते दो हफ्तों में हार्दिक पटेल का वजन 20 किलो कम हो गया है. उनके लगातार अनशन पर रहने से उनके गुर्दे व जिगर पर भी असर पड़ा है.
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हॉस्पिटल में भर्ती की सलाह ठुकराई
इससे पहले हार्दिक की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करने की सलाह दी गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था हार्दिक पटेल के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए नरेश पटेल काफी चिंचित हैं. यही वजह है कि नरेश पटेल सरकार से बातचीत करने के लिए आगे आए हैं. सरकार और नरेश पटेल की बातचीत को लेकर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के प्रवक्ता मनोज पनारा ने कहा,’नरेश पटेल पाटीदार समुदाय के एक सम्मानित व्यक्ति हैं. इस मसले को सुलझाने में वह आगे आ रहे हैं और हम उनके इस कदम का स्वागत करते हैं’
हार्दिक के आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाऊंगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अनशनरत पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से मंगलवार को मुलाकात की थी और कहा कि वे पटेलों के लिए आरक्षण और किसानों के कर्ज माफ करने को लेकर जारी उनके आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाएंगे.
यशवंत सिन्हा ने कहा था, “केंद्र और राज्य की सरकारों को छोड़कर बाकी पूरा देश हार्दिक के अनशन से हिल उठा है.” यशवंत सिन्हा ने अप्रैल में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था.